अनिल महेंद्रू ने हजारों लोगों की सेवा की। निःस्वार्थ भाव से मानवता की सेवा की। युवाओं को बिना शुल्क पढ़ाया और कई युवाओं की जिंदगी बनायी। उन्होंने हर इंसान की मदद कर संगठन का और मानवता सर ऊंचा किया। एक विलक्ष्ण प्रतिभा के धनी अनिल महेंद्रू का तिरंगा के प्रति अथाह प्रेम है फिर चाहे तिरंगा संगठन का हो या देश का।
अपनी जान की परवाह न करते हुए सैकड़ों लीटर हैंड सेनीटाइजर बनाकर संघ के संयुक्त महामंत्री अनिल महेंद्रू ने अनेकों रेलकर्मियों की जान बचाने का अद्वितीय कार्य किया हैऔर इस कोरोना काल में लोगों की कई तरह से सहायता की और उनकी शंकाओं का समाधान किया। इसका नतीजा यह हुआ कि वो खुद भी कोरोना की गिरफ्त में आ गए और हजारों लोगों की दुआओं का और उनके कार्यों का नतीजा था कि वो कोरोना को हरा कर घर वापिस आ गए। धन्य है देश और संगठन के ऐसे लाल। जब वह अस्पताल में भर्ती थे तब उन्होंने खुद भी कुछ देखा और समझा और अन्यास ही उनकी कलम चल गई ।
अनिल महेन्द्रू ने लिखा: “एक बार फिर यह सिद्ध हो गया कि सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ मानव-धर्म निभाने में सबसे अग्रणी संगठन है। कोविड-19 महामारी के संक्रमण काल में जिस तरह सीआरएमएस के कार्यकर्ता ईम लोगों विशेषकर रेलकर्मियों की मदद कर रहे हैं। उसका दूसरा उदाहरण नहीं है। संघ के अध्यक्ष डॉ.आर.पी.भटनागर दिन-रात स्थिति पर पैनी नजर रखे हुए हैं तथा समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी कर संघ कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ा रहे हैं। साथ ही साथ रेलकर्मियों से जुड़ी प्रत्येक समस्या को समलझाने में भी प्रशासन से बातचीत कर रहे हैं।
24 जुलाई और 5 अगस्त को मुख्यालय स्तर पर विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई ऐतिहासिक पीएनएम मीटिंग इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है कि सीआरएमएस कर्मचारियों की समस्याओं को हल करने का कोई भी मौका खोना नहीं चाहता। संघ के महामंत्री डॉ. प्रवीण बाजपेयी अध्यक्ष महोदय के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। इसी तरह संघ के कार्याध्यक्ष अशोक चॉगरानी कोविड-19 संक्रमित मरीजों की हर संभव सहायता करने में दिन-रात कार्यरत हैं।
अमित भटनागर के प्रयासों और सहयोग से मुंबई मंडल ने रेलवे कॉलोनियों का सैनिटाइजेशन का सराहनीय कार्य किया। इसके अलावा भायखला एवं जेआरएचएस रेलवे हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों के स्वास्थ्य लाभ हेतु हल्दी-दूध और काढ़ा वितरण का नेक कार्य सिर्फ और सिर्फ सीआरएमएस ने ही किया है। वहां वाटर डिस्पेंसर भी डोनेट किए गए हैं, जिनसे मरीजों को गरम पानी उपलब्ध हो रहा है। मुंबई मंडल अध्यक्ष विवोक शिशोदिया, सचिव ए.के. दुबे व एस.के. दुबे और उनकी पूरी टीम जन सेवा के कार्यों में लगी हुई है।
इसी तरह भुसावल मंडल में मंडल अध्यक्ष व्ही.के. समाधिया, सचिव एस.बी. पाटिल व उनकी पूरी टीम गरीब लोगों को मुफ्त भोजन, रेलकर्मियों को फेस मास्क, हैंड सेनीटाइजर आदि वितरित कर मानव धर्म का पालन कर रहे हैं। और सीआरएमएस के आदर्शों को जीवंत किए हुए हैं।
नागपुर मंडल में मंडल अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह व सचिव जी.पी. शर्मा अपनी टीम के साथ मोर्चा संभाले हुए हैं।
हर संभव मदद के लिए पूरी टीम लगी हुई है। साथ ही रेलकर्मियों की समस्याओं को हल करने में भी अग्रणी भूमिका निभा रही है।
पूना में एस.पी. सिंह , मंडल सचिव तथा डॉ. आर. जमादार अध्यक्ष के नेतृत्व में सीआरएमएस की पूरी टीम कोविड-19 महामारी के कठिन काल में रेलकर्मियों की हर संभव मदद में लगी हुई है।
इसी तरह सोलापुर मंडल में भी उलहास बागेवाड़ी अध्यक्ष व किशोर पिल्लै सचिव व उनकी पूरी टीम मानव सेवा में दिन-रात एक किए हुए हैं।
डॉ. आर.पी.भटनागर प्रत्येक सप्ताह पांचों मंडलों के पदाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग करते हैं तथा वास्तुस्थिति की जानकारी लेकर उचित कार्रवाई करने में लग जाते हैं। वह ट्रैकमेंटेनर कांफ्रेंस / एस&टी कांफ्रेंस इत्यादि सफलता पूर्वक मीडिया सेल की सूझबूझ से आयोजित करवा चुके हैं। ऐसा समर्पण, त्याग एवं निष्ठा सिर्फ और सिर्फ सीआरएमएस के नेतृत्व के पास ही है। प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री राहत कोष में सीआरएमएस ने 30-30 लाख रुपये दान दिए और संगठनों ने हो सकता है कुछ ज्यादा भी दिए हों, परंतु अपनी जान पर खेलकर जिस तरह सीआरएमएस के कार्यकर्ता रेलकर्मियों की इस महामारी काल में सेवा कर रहे हैं और उन्हें मदद पहुंचा रहे हैं, उसका कोई सानी नहीं हैं। ऐसा नेक कार्य सिर्फ और सिर्फ सीआरएमएस ही कर सकता है। सीआरएमएस के जुझारू कार्यकर्ता डरे नहीं चुनौतियों का सामना किया, लोगों की मदद की और उसी सेवा भावना से सर्वश्री बंडू रंधाई, कार्याध्यक्ष, अनिल महेंद्रू, संयुक्त महामंत्री, राजकुमार, युवा मंच अध्यक्ष व कई अन्य कोविड, पोडिटिव भी हुए, परंतु लाखों लोगों की दुआओं के बल पर आज वह स्वास्थ्य लाभ कर ठीक हो चुके हैं।
9 अगस्त को संपूर्ण मध्य रेलवे पर जिस तरह सीआरएमएस के कार्यकर्ताओं ने भारतीय रेलवे में निजीकरण, डी.ए. फ्रीज करने, एन.पी.एस. जैसे मुद्दों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया वह काबिले तारीफ है।
माटुंगा वर्कशॉप में लगभग 800 खलासियों का प्रमोशन टेकनीश्यिन में कराना सीआरएमएस की बहुत बड़ी उपलब्धि है और इस संबंध में हाल ही में आदेश जारी हो चुके हैं। डॉ. आर.पी.भटनागर के व्यक्तिगत हस्तक्षेप से यह संभव हो पाया है।
कुल मिलाकर देखा जाए तो सीआरएमएस ने जिस तरह बिना किसी स्वार्थ के इस कोविड-19 महामारी के दौरान अपनी गतिविधियों को और अधिक तेज कर मानव सेवा की है, उसके समक्ष आज रेलकर्मियों के साथ संपूर्ण ट्रेड युनियन जगत नत मस्तक है”।
Yes very good initiative by CRMS kudos to the keadership all the best