डब्ल्यू सी आर एम एस में तख्तापलट की कोशिश नाकाम, साजिश करने वाले अशोक शर्मा को सभी पदों से हटाया गया

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मुंबई। डब्ल्यूसीआरएमएस में साजिश कर अध्यक्ष डॉक्टर राजेंद्र भटनागर का तख्ता पलटने की कोशिश नाकाम हो गई है। संगठन के बाइलॉज की अनदेखी करते हुए कुछ लोगों द्वारा साजिश कर अध्यक्ष को ही हटाने की कोशिश की गई जिसे समय रहते ही विफल कर दिया गया। कार्यकारिणी के अधिकांश सदस्यों ने अध्यक्ष डॉ राजेंद्र भटनागर में आस्था जताई और धूर्त महामंत्री अशोक शर्मा को तुरंत सभी पदों से हटाने की मांग की। कार्यकारिणी के सदस्यों की मांग पर कार्यवाही करते हुए अध्यक्ष डॉ राजेंद्र भटनागर ने महामंत्री अशोक शर्मा को निलंबित करते हुए एक्सप्लेनेशन कॉल कर लिया।

डब्ल्यू सी आर एम एस में बेहद लोकप्रिय हैं डॉक्टर राजेंद्र भटनागर
जन-जन के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता डॉ.राजेंद्र भटनागर, जिन्होंने अपना खून-पसीना एक कर डब्ल्यूसीआरएमएस की स्थापना की एवं उसे मजबूत बनाकर एक ऐसे मुकाम तक पहुंचाया, जिसका लोहा संपूर्ण ट्रेड युनियन जगत मानता है। भोपाल गैस त्रासदी में डॉ.भटनागर ने जिस तरह अपनी जान पर खेल कर लोगों के जीवन बचाए थे, उसे कौन भूल सकता है। वेस्ट सेंट्रल रेलवे का प्रत्येक कामगार व संघ कार्यकर्ता उनके द्वारा किए गए उपकारों का ऋण कभी नहीं उतार सकता। भ्रष्टाचार व कामगारों से गद्दारी डॉ.भटनागर ने कभी बर्दास्त नहीं की। ऐसे कितने ही किस्से हैं, जब उन्होंने बड़े से बड़े पदाधिकारी को भी नहीं बक्शा और संघ से निलंबित कर दिया। शायद यही डर अशोक शर्मा को भी सता रहा था। डॉ. भटनागर की पैनी नजर को वह बखूबी जानता है और इसी डर के चलते मजदूर मसीहा डॉ.आर.पी.भटनागर, जिन्हें वह अपना पिता मानता था, पर झूठे आरोप लगाने की धूर्तता की और गैर कानूनी रूप से मनमाने बे सिर-पैर के आदेश निकाल दिए, जिनकी कोई वैद्यता ही नहीं है। डॉ.भटनागर एक न्याय प्रिय और धैर्य रखने वाले महान नेता हैं। वह अपने संघ और संघ कार्यकर्ताओं से बेहद प्यार करते हैं और इसी के चलते वह अशोक शर्मा को सुधरने का बार-बार मौका देते रहे, जबिक रेलकर्मियों द्वारा अनेक शिकायतें अशोक शर्मा के खिलाफ उन्हें प्राप्त हुए। यह बड़े शर्म की बात है कि विरोधी यूनियन के साथ मिलकर अपने बाप को ही बदल दिया। मजदूर आंदोलन को कमजोर करने की साजिश रचकर उसने डब्ल्यूसीआरएमएस ही नहीं, अपितु समस्त रेल कामगारों के साथ गद्दारी की है। ऐसा घोर निंदनीय अपराध क्षमायोग्य नहीं है। सभी रेल कर्मचारी अपने प्रिय नेता डॉ.आर.पी.भटनागर के प्रति अशोक शर्मा के बर्ताव से आक्रोशित हैं और उसे उसकी औकात दिखाने के मूड में हैं। डॉ.भटनागर ने डब्ल्यूसीआरएमएस के संविधान के परिपेक्ष्य में अशोक शर्मा को संघ से सभी पदों से निलंबित कर दिया है। धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का वाली कहावत अशोक शर्मा पर चरितार्थ होती है। अध्यक्ष की गैरमौजूदगी में की गई कोई भी मीटिंग असंवैधानिक है।

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