रेलवे की चतुर्थ श्रेणी की महिला की अस्मिता के साथ खिलवाड़!

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प्रमुखता से मामले को मजदूर संघ की महिला विंग प्रमुख ने उठाया

भोपाल डीआरएम ने दिया पीडि़ता का कानूनी साथ

भोपाल। स्त्री को घर के मान-सम्मान का प्रतीक माना जाता है। इसीलिए शास्त्रों में स्त्री की रक्षा के लिए विशेष नियम बनाए गए हैं। शास्त्रों में लिखा है कि पिता रक्षति कौमारे भर्ता रक्षति यौवने। रक्षन्ति स्थविरे पुत्रा न स्त्री स्वातन्त्रमर्हति। इस श्लोक के अनुसार बालपन में यानी बचपन में स्त्री की रक्षा की जिम्मेदारी उसके पिता की होती है। जब स्त्री का विवाह हो जाता है तो उसकी रक्षा की पूरी जिम्मेदारी उसके पति की होती है। बुढ़ापे में स्त्री की संतानों को ही उसकी रक्षा करनी चाहिए। जिन घरों में इस बात का ध्यान रखा जाता है, वहां नारी पूरी तरह सुरक्षित रहती है और घर का मान-सम्मान बना रहता है। सुख-समृद्धि बनाए रखने के लिए घर में शास्त्रों में बताई गई स्त्रियों से जुड़ी कुछ बातों का ध्यान हमेशा रखना चाहिए। जिन घरों में इन बातों का ध्यान रखा जाता है, वहां दरिद्रता नहीं रहती है। शास्त्रों में लिखा है कि यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता। इस धारणा पर अपना देश युग युगांतर से चले आ रहा है। मामले की जानकारी लेने पर हमें पता चला की ईटारसी के एडीईई आर. के. पांडेय ने, जो अपने एक चतुर्थ क्लास की सहयोगी के साथ मानवता की सारी हदें पार करते हुए उसकी न सिर्फ उसकी अस्मिता के साथ खिलवाड़ किया, बल्की उसकी भावनाओं की भी मैयत निकालने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी।

इस मामले की जानकारी व भुक्तभोगी को न्याय दिलाने का बीढ़ा मजदूर संघ मुख्य शाखा सचिव व महिला विंग प्रमुख अंशु भटनागर ने उठाया।

गौरतलब हो कि पिछले दिनों ईटारसी के एडीईई आर. के. पांडेय ने एक चतुर्थ क्लास की महिला कर्मचारी के साथ दुव्र्यवहार का मुद्दा जगजाहिर होने पर मामले को तुरंत ही संघ की महिला विंग प्रमुख अंशु भटनागर ने उठाया। उनके अनुसार पांडेय इस महिला को शाम पांच बजे के बाद करीब प्रतिदिन अपने केबिन में बुलाकर अनावश्यक कार्य से 8 बजे तक बैठाए रखते थे। इस दौरान उससे दो अर्थी बातें करते। पांडेय की इस कारस्थआनी में साथ देते थे एसएसई मोहन सिंह और बी.के. बघेल। इसकी लिखित शिकायत जब अंशु भटनागर को महिला द्वारा प्राप्त हुई, तो उन्होंने तुरंत बगैर देर किए इसकी लिखित शिकायत स्थानीय डीआरएम उदय बोरवणकर से की।

इस मामले पर क्या कहना है डीआरएम का?

इस मामले पर डीआरएम उदय बोरवणकर का कहना है कि इस बात की शिकायत हमको पिछले दिनों अंशु भटनागर के माध्यम से मिली है और केंद्र सरकार की तरफ से गठित कमेटी इस पर तहकीकात कर रही है। अंशु भटनागर के बारे में उन्होंने कहा कि वह पहले आरपीएफ में थीं, पर आज भी वह भावना उनके अंदर विद्यमान है। वह एक कर्मठ नेता और प्रिंसिपल के अनुसार रहती हैं।

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