भुसावल मंडल की मीटिंग संपन्न

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मुंबई। कोरोना वायरस का कहर अभी भी पूरे देश में जोरों से चालू है। इसके बावजूद सीआरएमएस अपनी सभी गतिविधियां कम नहीं की, बल्कि और अधिक तथा तेज कर दी है। यह सब असंभव को संभव कर दिखाया है संघ के अध्यक्ष डॉ. आर.पी.भटनागर के दिशानिदेशों के कारण। अपने साठ साल के अनुभव को अध्यक्ष संघ के कार्यकर्ताओं के साथ साझा करते चले आ रहे हैं, जिसके कारण कोरोना काल में जो मीटिंगें तीन महीने या एक महीने में होती थी,वही अब हफ्ते या दस दिन में की जा रही हैं। इसी तरह बीते दिन सीआरएमएस की भुसावल मंडल की वर्चुअल मीटिंग डॉ.भटनार की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस दौरान मंडल का आय-व्यय का ब्योरा पेश किया गया तथा अध्यक्ष द्वारा रेलवे के प्राइवेटेडेशन किए जा रहे सरकार के फैसले पर जमकर प्रहार किया गया।  

गौरतलब हो कि मीटिंग के दौरान डॉ.भटनागर ने कहा कि यह सरकार द्वारा देश के सरकारी संस्थानों को निजीकरण करने की नीति के तहत अब तक का सबसे बड़ा हमला है। रेल की पटरियों पर बड़े-बड़े धनसेठों की प्राइवेट रेलें चलेंगीं, जिससे जनता की सवारी रेलवे की सुविधा आम आदमी की पहुंच से महंगा होने के कारण दूर हो जाएगा। दावे बहुत से हो रहे हैं, लेकिन यह बात रेलवे के नीति निर्माताओं को भी पता है कि निजी ट्रेनों के चलने से अधिक सुविधा संपन्न लोगों के हिस्से में भले अधिक धन व्यय करके अच्छी सुविधा मिल जाए, पर आम मुसाफिरों की न तो दुनिया बदलने वाली है, ना ही रेलवे का कायाकल्प होने वाला है। आगे कहा कि हकीकत यह है कि ये सारे कदम रेलवे को नीति आयोग के आगे विवश होकर उठाने पड़ रहे हैं। स्टेशन पुनॢवकास कार्यक्रम के तहत निजी पार्टियों को भूमि और इस पर बनी संरचनाओं के उपयोग के लिए एक निर्धारित अवधि के लिए लीज अधिकार मिलेंगे, लेकिन इधर सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ ने निजी रेलगाड़ी चलाने पर आपत्ति जताई है और जताता रहेगा और आगे कहा कि जब रेल कर्मचारी कोरोना और प्रतिकूल हालात में भी ट्रेनों का संचालन करने में सक्षम हैं तो प्राइवेट ऑपरेटरों को आमंत्रित करने का मतलब क्या है। पहले और अबके रेलवे में हुए परिवर्तन पर प्रकाश डालते हुए डॉ. भटनागर ने कहा कि पहले यात्रियों को पानी फ्री पिलाने की व्यवस्था हुआ करती थी और अब पैसे देकर पानी पीने का चलन कर दिया गया है। मतलब हर तरह से गरीबों की ही जेबें काटी जा रही हैं। इसके खिलाफ हम सबको एकत्रित होकर संगठन को मजबूती देते हुए अपनी आवाज बुलंद करके कहनी पड़ेगी। इसी तरह की अन्य संघ के पदाधिकारियों ने अपनी बातें रखीं और अपनी-अपनी ब्रांचों से जुड़ीं अन्य समस्याओं से भी कार्यकर्ताओं ने डॉ.भटनागर को अवगत कराया। इस वर्चुअल मीटिंग में संघ के महामंत्री डॉ. प्रवीण बाजपेयी, युवाओं के दिल के धड़कन माने जाने वाले संघ उपाध्यक्ष अमित भटनागर के अलावा मंडल अध्यक्ष वी.के. समाधिया, मंडल सचिव एस.बी. पाटिल, एजीएस धाकड़े, रिजनल वर्कशाप सिक्रेटरी पी.आर. नारखेडे, रिजिनल कोऑर्डिनेटर एस.के. दुबे, रिजनल आर्गनाइजर  पी.के.गायकवाड, मंडल कोषाध्यक्ष तोरण सिंह, मुख्यालय मंडल महिला उपाध्यक्षा आदि विशिष्ट गणमान्यों के अलावा अरुण कुमार, डी.पी. सिंह, संजय कुमार दुबे, सुनील पाटिल, नितिन पवार, वृजेश कुमार चतुर्वेदी, योगेश थोराट, दीपक शर्मा आदि सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। 

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