मुंबई। कोरोना वायरस रूपी वैश्विक महामारी के प्रकोप से जहां पूरा विश्व इस समय त्रस्त है, वहीं भारत में भी इस महामारी ने अपनी जड़ें जमानी शुरू कर दी है। इसके चलते प्रधानमंत्री के निर्देशानुसार सारे भारत में लॉक डाउन पर लॉक डाउन का दौर जारी हुआ। इस लॉक डाउन की मार रेल परिवार को भी झेलनी पड़ रही है। पूरे भारत में कोरोना मामले में महाराष्ट्र अभी सबसे आगे है और उसमें भी मुंबई सबसे शीर्ष पर कोरोना संक्रमितों की श्रेणी में बना हुआ है। मध्य रेल सम्पूर्ण महाराष्ट्र प्रदेश को कवर करता है और मुंबई में सीएसटी मध्य रेल का हेडक्वॉर्टर है। मुंबई में बड़े पैमाने पर कोरोना का प्रसार हुआ,जिसके कारण मुंबई मंडल के इंजीनियरिंग, ऑपरेटिंग, मैकेनिकल, सिग्नल, इलेक्ट्रिकल रनिंग, वाणिज्य इत्यादि विभाग के बहुत सारे कर्मचारी लॉक डाउन और कफ्र्यू तथा एरिया सील होने की वजह से रेलवे के बहुत कर्मचारी कार्य पर नहीं पहुंच पाए,जिसके कारण रेलवे के कुछ अफसरों द्वारा उनका एब्सेंट मार्क किया गया और उनकी सैलरी नहीं निकाली गयी, जबकि प्रधानमंत्री जी ने लॉक डाउन करते समय यह अनोउन्स किया था कि किसी भी प्राइवेट कर्मचारियों का तनख्वाह नहीं काटी जाए। इसके बावजूद अधिक संख्या में रेल कर्मियों का पेमेंट कटने से इन भुक्तभोगियों का घर चलाना मुश्किल हो गया है। शुरू से कर्मचारियों के पक्ष में आवाज उठाने वाली यूनियन सीआरएमएस ने इस मामले पर भी जमकर मुद्दे को उठाया। कोविड-19 महामारी से उत्पन्न लॉक डाउन की इस स्थिति में सीआरएमएस ने कामगारों के हित के लिये प्रशासन से शुरू से ही बातचीत कर रहा है और अलग- अलग मुद्दों पर प्रशासन को पत्र भी लिखे और कामगारों का वेतन भुगतान करने के लिये मध्य रेल प्रशासन से बात किया।
संघ द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार इन सबमें सबसे अहम मुद्दा रहा पहले अप्रैल महीने के वेतन भुगतान का, जिसके लिये सीआरएमएस मुंबई मंडल सचिव संजीव कुमार दुबे ने 9 अप्रैल तथा 21 अप्रैल को पत्र लिखकर प्रशासन को अवगत कराया। इस पर अप्रैल महीने में सबका पेमेंट प्रोविसिनल बेसिस पर दिया गया। यही नहीं संघ के महामंत्री डॉ. प्रवीण बाजपेई,अनिल दुबे और मंडल अध्यक्ष विवेक शिशोदिया आदि गणमान्यों ने संबंधित उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर अवगत कराया। इस पर प्रशासन मई महीने का पेमेंट मस्टर से कराने का निर्णय लिया और मस्टर में एब्सेंट मार्क किया, जिसका नतीजा निकला कि कामगारों के एब्सेंट मार्क को लीव में बदल दिया गया, फिर भी हजारों कामगारों के पेमेंट कट कर आया और लगभग 1200 कामगारों के पेमेंट शून्य आया।
दूसरी तरफ मुंबई डिवीजन ने संघ के अध्यक्ष डॉ.राजेन्द्र प्रसाद भटनागर को पूरी स्थिति से अवगत कराया। इस पर डॉक्टर भटनागर ने इस बात को गंभीरता से लेते हुए उच्च अधिकारियों तथा जनरल मैनेजर मध्य रेल से टेलीफोन पर बात किया और पत्र द्वारा भी अवगत कराया। इस पर पीसीपीओ ने सीनियर डीपीओ को मास्टर सर्कुलर 10 रूल 7.9 के तहत सभी कामगारों को स्पेशल सीएल देने की बात कही, जिसको सीनियर डीपीओ ने 13 जून को पत्र लिखकर सीनियर डीईएन (सीओ) को बताया। इस बाबत मई महीने की प्रोविसिनल पेमेंट देने की बात कही गयी और साथ ही साथ मास्टर सर्कुलर 10 रूल 7.9 के तहत जो लोग लॉक डाउन की वजह से ड्यूटी पर नहीं आ पाए थे, उन सभी के आवेदन पर विचार करके आवेदन भेजने के लिये भी सारे ब्रांच अफसरों को निर्देश दिया गया।