भारतीय रेल यूनेस्को के सहयोग से बांद्रा के लिए एक व्यापक प्रबंधन योजना तैयार कर रही है। यूनेस्को ने बांद्रा स्टेशन की शहरी डिजाइन रणनीति पर अपनी पहली रिपोर्ट सौंपी दी है। दूसरी और अंतिम रिपोर्ट अगले महीने मिलने की उम्मीद है।
भारतीय रेल ने संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक और वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के सहयोग से मुम्बई के बांद्रा उप-नगर रेलवे स्टेशन के सौन्दर्यकरण के लिए एक व्यापक प्रस्ताव शुरू किया है। इसका उद्देश्य इस स्टेशन को न केवल कुशल परिवहन के रूप में बदलना है बल्कि सांस्कृतिक पहचान के रूप में भी इसकी स्थिति को मजबूत करना है और इस स्टेशन की बांद्रा स्टेशन के उच्च सांस्कृतिक और महानगरीय स्वरूप के अनुरूप ही पुनर्सज्जा करना है।
भारतीय रेल और यूनेस्को के मध्य एक अनुबंध के अधीन मुम्बई के उप- नगरों की रानी कहलाने वाले बांद्रा स्टेशन के लिए एक व्यापक प्रबंधन योजना तैयार की जा रही है। बांद्रा स्टेशन एक सदी पुराना रेलवे स्टेशन है और बांद्रा में अनेक प्राचीन धार्मिक स्थल, पुर्तगाली किले, फिल्म स्टूडियो, ईस्ट इंडियन क्रिश्चन बस्तियां, एंग्लो-इंडियन बेकरीज और कला दीर्घाएं स्थित हैं। यह स्टेशन विरासत का प्रतीक और उदाहरण है और इसकी विक्टोरियन गॉथिक के एक उत्कृष्ट मिश्रण और वास्तुकला की स्थानीय भाषा शैली के साथ एक उच्च श्रेणी-1 की विरासत संपत्ति के रूप में पहचान बनी हुई है। यूनेस्को ने बांद्रा उप-नगरीय रेलवे स्टेशन के परिसंचारी क्षेत्र में सुधार के लिए एक कार्य योजना के साथ शहरी डिजाइन की रणनीति पर ध्यान केंद्रित करने वाली पहली रिपोर्ट रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु को सौंपी है। इस रिपोर्ट में एक उच्च क्वालिटी और सांस्कृतिक रूप से प्रासंगिक सार्वजनिक क्षेत्र, व्यापक और जीवंत स्थान के साथ- साथ ही समुदाय संपत्ति को विकसित करने का प्रस्ताव किया गया है। एक आकर्षक और आरामदेय वातावरण का सृजन करते समय पैदल चलने वालों और वैश्विक पहुँच को प्राथमिकता दी जाएगी। यूनेस्को की प्रमुख सिफारिशों में पहुंच मार्गों की दिशा बदलना, भीड़-भाड़ को कम करना, प्रभावी उपयोग हस्तांतरण और नागरिक महत्व को मजबूत करने के लिए सार्वजनिक दायरे को बढ़ाना शामिल हैं। इस रिपोर्ट में विकलांग व्यक्तियों की पहुंच में भी सुधार के लिए अनेक कदम उठाए जाने का उल्लेख है।
बांद्रा स्टेशन के लिए यूनेस्को की दूसरी और अंतिम रिपोर्ट में स्टेशन के भवन के संरक्षण और प्रबंधन की योजना पर ध्यान दिया गया है जो अगले महीन मिलने की उम्मीद है। पश्चिम रेलवे (मुख्यालय मुंबई) ने पहले ही कार्य योजना बना ली है। इन रिपोर्टों के लागू होने से इस विशिष्ट स्टेशन के बारे में यात्रियों और अन्य आगंतुकों के अनुभव में पूर्ण रूप से बदलाव आयेगा और इससे मुंबई की समृद्ध विरासत के संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।
रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने इस महत्वपूर्ण स्टेशन भवन की भव्यता और वैभव को मजबूत करते हुए ग्राहकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए बांद्रा स्टेशन का दोबारा विकास करने के प्रयास में गहरी दिलचस्पी ले रहे हैं। रेलवे के उत्साह को देखते हुए यूनेस्कों ने केवल तीन माह में अपनी रिपोर्ट तैयार कर दी है। उल्लेखनीय है कि रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक श्री मनु गोयल और यूनेस्को के निदेशक श्री शिगेरू ओयागी के मध्य रिपोर्ट तैयार करने के अनुबंध पर 26 जून, 2015 को हस्ताक्षर किये गए थे। भारतीय रेलवे चार विश्व सांस्कृतिक स्थलों मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनल (पूर्व में विक्टोरिया टर्मिनस), दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे, नीलगिरि माउंटेन रेलवे और कालका शिमला रेलवे का गौरान्वित संरक्षक भी है।