केन्द्रीय कर्मचारी

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केन्द्रीय कर्मचारी
बस कहने को रह गया हूं
केन्द्रीय कर्मचारी।
सरकार कुछ नही सुनती है
दुखड़ा हमारी।।

अच्छे दिन आएगा इसी आश में
करता रहा नौकरी सरकारी।।
खुद अपना वेतन व भत्ता पॉँच गुणा बढाकर
बना रहा सत्ताधिकारी
बस ललचायी नजरों से देखता रह गया

केन्द्रीय कर्मचारी
अच्छे दिन आएगा इसी आश में करता रहा
नौकरी सरकारी।।
वादे किये थे की बडी ईमानदारी से
करेगे इस देश की पहरेदारी।
हमें राज गददी नही……..

सौप दीजीए इस देश की चौकीदारी।
मेरा वादा है मरते दम तक न
छोडेगे देश की वफादारी।।
कई लुटेरे धन लूट कर हो गए फरारी।
सरकार उल्लू बनकर देखती रह गई
धरी की धरी रह गई उनकी पहरेदारी…..

वादे किए थे की बडी ईमानदारी से
करेंगे इस देश की चौकीदारी।।
काला धन वापस लाने की थी झूठी तैयारी।
अच्छे दिन का झांसा देकर किया
सब कुछ छीनने की है तैयारी।।

जितने लुटेरे है काले धन वाले
सभी का है सरकार से यारी
अच्छे दिन आएगा बस इसी
आश मे करता रहा नौकरी सरकारी।।

– अभय कुमार (एस एंड टी स्टाफ), ठाणे, मुंबई

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