हम मांगे मनवाना जानते हैं : डॉ. आर.पी. भटनागर
केन्द्र सरकार वादा खिलाफी करती है, उसकी कथनी और करनी में जबर्दस्त अंतर है, यह बात इसी से स्पष्ट है कि 16 माह पहले जब फेडरेशन ने रेल कर्मचारियों की मांगों के समर्थन में हड़ताल का आव्हान किया था, तब केंद्र सरकार ने केंद्रीय मंत्रियों की एक कमेटी गठित की थी, किंतु आज की तारीख तक मांगें नहीं मानी गई, लेकिन अब बहुत हो चुका, हम रेलकर्मचारियों की मांग मनवाना जानते हैं, इसके लिए चाहे हमें किसी भी स्तर पर जाना पड़े, हम तैयार हैं. यह बात नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमैन (एनएफआईआर) के कार्यकारी अध्यक्ष और वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ के अध्यक्ष डॉ. आरपी भटनागर ने सोमवार 29 अक्टूबर को पत्रकारवार्ता में कही.
डॉ. भटनागर ने कहाकि रेल मंत्रालय कर्मचारीहित के कई मुद्दों के निराकरण में सहमत है. वित्त मंत्रालय को प्रस्ताव भेजे जा चुके हैं. रेल मंत्रालय न्यू पेंशन स्कीम को खत्म करने के लिए केबिनेट नोट बनाने को तैयार है. दो-दो पूर्व रेलमंत्री इस मामले में सरकार को पत्र भेज चुके, लेकिन कर्मचारीहित के फैसले करने में सरकार ना-नुकुर कर रही है. महत्वपूर्ण मुद्दों को लटकाकर रखा गया है. न्यायोचित मांगें तक पूरी नहीं की जा रहीं. पत्रकारवार्ता में भटनागर ने कहा कि अब हम शांत नहीं रहने वाले. सरकार को चेतावनी देते हैं कि यदि अब भी ऐसा ही रवैया जारी रहा तो आमरण अनशन, रेल रोको आंदोलन करने में भी पीछे नहीं रहेंगे.
माईलेज का रेट व अन्य मांगों को लेकर भूख हड़ताल का ऐलान
डॉ. भटनागर ने बताया कि रेलकर्मचारी हितों से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर सरकार व रेलवे प्रशासन के खिलाफ हमने सेंट्रल रेलवे में मोर्चा खोला. अब पश्चिम मध्य रेल में भी इसकी शुरूआत की जा रही है. मजदूर संघ द्वारा पमरे जीएम कार्यालय के समक्ष मोर्चा खोलकर जंगी प्रदर्शन किया जाएगा. 16 नवंबर से सेंट्रल रेलवे व वेस्ट सेंट्रल रेलवे में भूख हड़ताल की तैयारी भी की जा रही है. पत्रकारवार्ता में मजदूर संघ के कार्यकारी अध्यक्ष सीएम उपाध्याय, महामंत्री अशोक शर्मा, उपाध्यक्ष व मीडिया सेल हेड अमित भटनागर, कार्यकारी महामंत्री सतीश कुमार, मंडल अध्यक्ष एसएन शुक्ला, मंडल सचिव डीपी अग्रवाल, एसके वर्मा, सविता त्रिपाठी आदि मौजूद रहे.
इन मांगों पर सहमत है रेलवे बोर्ड
डॉ. भटनागर ने कहा कि एनएफआईआर ने एक बार पुन: 25 अक्टूबर को रेलवे बोर्ड के वरिष्ठतम अधिकारियों से मिलकर कर्मचारीहित के कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सारगर्भित चर्चा की है. चर्चा में सकारात्मक परिणाम आए और रेलवे बोर्ड ने फैसला किया है कि एनपीएस से रेल कर्मचारियों को विमुक्त करने के लिए रेलवे बोर्ड ने सरकार केबिनेट के समक्ष अपना पक्ष (नोट) प्रस्तुत करने हेतु सहमति प्रदान की, जिसमें रेल कर्मचारियों को एनपीएस से विमुक्त करने रेलवे बोर्ड प्रस्ताव केबिनेट नोट के माध्यम से प्रेषित करेगा.
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सीनियर सुपरवाइजर्स के ग्रेड-पे 4600 को 4800 में विलय करने वित्त मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा जाएगा. लोको पायलटों को 4600 ग्रेड-पे देने के संबंध में रेलवे बोर्ड ने इस मुद्दे को संज्ञान में लेकर इसका निदान करने की सहमति प्रदान की. वरिष्ठ खण्ड अधिकारी लेखा को 5400 ग्रेड-पे के लिए प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को भेजा जा चुका है.
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ट्रैक मेंटेनर के लिए एनएफआईआर के पीएनएम समझौते के अनुसार 10:20:20:50 के अनुपात में 2800, 2400, 1900 और 1800 ग्रेड-पे ट्रैक मेंटेनरों को दिया जाना था, जिसका पालन नहीं हुआ. इसे रेलमंत्री ने अपने संज्ञान में लिया है, जिसका निराकरण किया जाएगा.
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लार्जेस के संबंध में जो चयनित एवं फिट उम्मीदवार हैं, उनकी भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करने के संबंध में रेलवे बोर्ड ने कार्य आगे बढ़ाने हेतु सहमति प्रदान की. वर्कशॉप के कर्मचारियों को किलोमीटरेज रेट और इन्सेंटिव बोनस नए रेट से देने के संबंध में रेलवे बोर्ड ने कहा कि इस मांग पर शीघ्र ही निर्णय दिया जाएगा तथा प्रक्रिया में है.
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इंटर रेलवे स्थानांतरण के संबंध में 5 साल के न्यूनतम सेवा काल की शर्त पर रेलवे बोर्ड ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि ऐसे सभी मामलों पर बोर्ड की स्वीकृति हेतु प्रदान करें. लार्जेस को पुन- प्रारंभ करने हेतु रेलवे बोर्ड का रूख सकारात्मक रहा तथा इस संबंध में संघ ने पुन: मांग प्रस्तुत की, जो कि यात्रियों की सुरक्षा एवं सेफ्टी केटेगरी के कर्मचारियों के हित में है.
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