इटारसी। सरकार की मजदूर विरोधी नीति एवं रेल कर्मियों के डीए को फ्रीज करने के विरोध में एनएफआईआर के आव्हान पर,वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ इटारसी द्वारा मंडल सचिव आर.के. यादव एवं मंडल कोषाध्यक्ष भूमि माथुर के नेतृत्व में संघ कार्यालय से एक भव्य रैली 3 जुलाई को शाम 5 बजे से निकाली गई। यह रैली एक नंबर प्लेटफार्म से होते हुए स्टेशन के समक्ष कामर्शियल ऑफिस के सामने आम सभा में परिवर्तित हुई। इस मौके पर संघ प्रवक्ता जगदीश जुनानिया ने बताया कि मंडल सचिव ने सभा को संबोधित करते हुए सरकार की दोगली नीति का बखान करते हुए,रेल कर्मचारियों ने एवं डॉक्टर्स, आरपीएफ, जीआरपी, पुलिस एवं सेना के जवानों ने इस कोविड-19 महामारी के चलते अपनी इमानदारी से रेल सेवा देश सेवा कर अपनी ड्यूटी निभाई, एवं सभी कर्मचारियों ने अपने वेतन से 1 दिन का वेतन की कटौती प्रधानमंत्री राहत कोष में अनुदान किया, जिसके फलस्वरूप केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय कर्मचारियों का डेढ़ वर्ष का डीए फ्रिज किया गया। इस तरह की दोहरी नीति का बखान किया गया एवं रेलवे की 151 ट्रेनों का 109 रूटों पर संचालन निजी कंपनी द्वारा ठेके पर देने का काम किया गया, जिसके विरोध में समस्त मजदूरों से आव्हान किया कि सरकार के इस तरह का दुव्र्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी को एकजुट होकर बनाने के लिए अपील की गई। अंत में कोरोना महामारी के चलते जिन कोरोना वारियर्स ने ड्यूटी करते हुए जान गंवाई, जिन्हें की 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। सभा का संचालन भगवती वर्मा एवं आभार प्रदर्शन सरताज हुसैन ने किया। इस अवसर पर सहायक मंडल सचिव सरताज हुसैन, भगवती वर्मा, जगदीश जुनानिया, कुंदन आगलावे, अनिल गुप्ता, अशोक दुबे, अर्जुन ऊंटवार, अमृत सिंह, विकास कश्यप, संतोष दुबे, पुरुषोत्तम सैनी, हीरामन चौधरी, रामबाबू, पुरुषोत्तम सैनी, मिलन कुमार, संतोष चतुर्वेदी, वकील सिंह, भूषण कनौजिया, सतीश कुमार, धर्मेंद्र सिंह, टी आर चौरे, जितेन महावर, गणेश उमरिया, रामस्वरूप महतो, श्याम कुमार, निर्मल, संजय कैचे, मनोज कनौजिया, संदीप सराठे, मुकेश रायकवार, सौरभ पांडे, नूतन पवार, ताराचंद पटेल, देवेंद्र पटेल, सौरव गुप्ता, जमुना प्रसाद चौरे, सहित अनेक पदाधिकारी मौजूद थे।