प्रवासी मजदूरों के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें साबित हो रही हैं बरदान

0
715
image source google

नई दिल्ली, कोरोना महामारी से बचने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन पर लॉकडाउन का दौर चलते जा रहा है,ऐसे में अपने घर-परिवार व अपने गांव से दूर शहर में रहकर अपनी रोजी-रोटी का अब जरिया भी ज्यादातर प्रवासी मजदूरों का छिन गया है। इनकी तकलीफें यहीं तक रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। इन सबको रहने से लेकर खाने तक की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। इन सब हालातों से उबरने के लिए ये मजदूर लगातार अपने गृह जनपदों की तरफ पलायन कर रहे हैं। इन सबके मार्ग प्रस्सत करने के उद्देश्य से भारतीय रेल विभाग का अमला भी मुस्तैद नजर आ रहा है।

जानकारी के अनुसार रेलवे द्वारा कामगारों को घर पहुंचाने के लिए अब तक 1,000 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाने की स्वीकृति मिल चुकी है। गुरुवार को 145 ट्रेनों द्वारा कामगारों को उनके घर पहुंचाया गया है। ज्ञात हो कि कुल श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में से 75 उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए चलाई गई हैं। कोरोना के चलते लॉकडाउन में कामगारों को उनके घर पहुंचाना कठिन था, लेकिन रेलवे ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से इसे करके दिखाया। कामगारों को उनके घर पहुंचा रही यह ट्रेनें, उनके लिए वरदान साबित हो रही हैं। बता दें कि लॉकडाउन की अवधि बढ़ाए जाने से काम-धंधा बंद होने के कारण बेबस प्रवासी मजदूरों के सामने जब रोटी का संकट उत्पन्न हुआ तो वो पैदल ही रेल पटरियों और सडक़ों के रास्ते अपने घर के लिए निकल पड़े.।

प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी के बढ़ते सिलसिले और रास्ते में हुए हादसों के बाद गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों को यह अनुमति दे दी कि वे अन्य राज्यों में फंसे अपने निवासियों को रेल सेवा से बुलवा सकते हैं. इसके बाद आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मिजोरम, ओडि़सा, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तराखंड के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन का परिचालन हुआ. ट्रेन में सवार होने से पहले यात्रियों के स्वास्थ्य की उचित जांच की जा रही है।

SHARE

Leave a Reply