मजदूर संघ का रेलवे निजीकरण एवं यातायात विभाग के कार्य विश्लेषण के विरोध में प्रदर्शन

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कोटा। वेस्ट सेन्ट्रल सेन्ट्रल रेलवे मजदूर संघ कोटा मंडल द्वारा रेलवे के निजीकरण एवं यातायात विभाग के कार्य विश्लेषण करने संबंधी आदेशों के विरोध में कोटा जंक्शन पर पिछले दिनों प्रदर्शन किया गया। इस दौरान प्रदर्शन को संबोधित करते हुए संघ कोटा मण्डल के मण्डल सचिव अब्दुल खालिक ने कहा कि वर्तमान समय में देश की स्थिति अत्यंत नाजुक है, परन्तु सरकार इस स्थिति का फायदा उठाकर देश के आय स्त्रोतों को निजी हाथों में बेचने का काम कर रही है। सरकार द्वारा सभी लाभप्रद उद्योग निजी हाथों में बेचे जा रहे हंै। अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी कही जाने वाली भारतीय रेल का भी सरकार द्वारा निजीकरण किया जा रहा है, जिसका सीधा असर रेल कर्मचारियों के साथ-साथ आम जनता पर भी पड़ेगा। इसलिए सरकार द्वारा अपनाई जा रही इस प्रकार की नीतियों का सभी देशवासियों को मिल-जुलकर खण्डन करना होगा।

गौरतलब हो कि आगे खालिक ने यह भी बताया कि पश्चिम मध्य रेलवे के मुख्यालय द्वारा यातायात विभाग के कार्य विश्लेषण करने संबंधी आदेश भी दिये गये हैं, जिसमें यातायात विभाग के कर्मचारियों जैसे स्टेशन मास्टर, पोइन्टसमैन, कांटेवाला इत्यादि के कार्यावधि को 8 घण्टे से 12 घण्टे किये जाने के आदेश मुख्यालय द्वारा दिये गये हैं, जो कि वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए बिल्कुल भी तर्कसंगत नहीं है। बताते चलें कि कोविड-19 महामारी के दौरान भी सभी रेल कर्मचारियों ने रेल के पहिये को थमने नहीं दिये तथा लॉकडाउन में भी मालगाडियों का संचालन किया। इसके उपरान्त भी इस प्रकार के आदेश रेल कर्मचारियों में हताशा एवं रोष का वातावरण पैदा करते हंै तथा इस प्रकार के आदेशों से कर्मचारी पूर्ण मनोभाव से रेलकार्य करने में भी असमर्थ होते हैं। अत: इस प्रकार के आदेशों को तुरन्त प्रभाव से रोके जाने की आवश्यकता है। इस दौरान संघ की कोटा यातायात शाखा अध्यक्ष शशिभूषण शर्मा ने बताया कि कोटा मण्डल में स्टेशन मास्टरों को एमएसीपीएस के तहत ग्रेड पे 5400 एवं पोइन्टसमेनों को 2400 का लाभ अभी तक प्रदान नही किया गया है, स्टेशन मास्टर, टिकिट संग्राहक एवं वाणिज्य लिपिक की रैंकर क्वोटे के तहत रिक्तियों को भरने हेतु कदम उठाए जाएं।

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