पैरेंट्स बनना अपने आप में कई तरह की जिम्मेदारियां लेकर आता है वहीं बच्चों को न कहना सबसे मुश्किल काम है। लेकिन कभी-कभी उनकी भलाई के लिए आपको ऐसा कहना पड़ता है खासकर मामला जब उनकी हेल्थ का हो। यहां कुछ ऐसी ही सिचुएशंस हैं जब उनकी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आपको उनको न कह देना चाहिए…
टाइम से सोना और जागना
चाहे छुट्टियां हों या स्कूल के दिन, सोने के समय को लेकर आपको सख्त होने की जरूरत है। अगर आपका बच्चा आधी रात के बाद काफी एनर्जी में दिख रहा है तो आपको ये बताने की जरूरत है कि खेलने का वक्त निकल चुका है ताकि वह टाइम से सो और जाग सके। आखिरकार इनफेक्शंस से बचने के लिए पर्याप्त नींद की भी जरूरी है।
न छोडऩे दें खाना
नियमित अंतराल पर खाना खाना डाइजेशन और शरीर को मजबूत करने के लिए जरूरी होता है। अगर आपका बच्चा कुछ खाने से परहेज करता है तो उसे आराम से मनाएं। नाश्ता खासतौर पर बहुत जरूरी है। इसे न लेने पर शरीर को पर्याप्त पोषण नहीं मिलता।
हाइजीन का रखें ध्यान
खाने से पहले साफ-सफाई का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। वॉशरूम जाने के बाद भी हाथ धोने की आदत डालें। खेलने के बाद बच्चा सीधे खाने के लिए बैठ जाए तो न कहने पर अपराध बोध न करें।
विडियो गेम कम एक्सर्साइज ज्यादा
बच्चे को आईपैड देने और विडियो गेम खेलने का समय निश्चित कर दें। इसके साथ ही उन्हें बाहर निकलकर फिजिकल एक्टिविटी या कोई खेल खेलने के लिए प्रोत्साहित करें।
चीनी पर रखें नियंत्रण
बच्चा कितनी चीनी खा रहा है इस पर भी नियंत्रण रखें। ज्यादा चीनी वाली डायट से शरीर की कीटाणुओं से लडऩे की क्षमता कम होती है।
खाने के वक्त गैजेट्स को ना
टीवी या कंप्यूटर के सामने ज्यादा समय बिताने से आपके बच्चे आलसी बन सकते हैं। लिहाजा टीवी के सामने ज्यादा देर बैठने से उनकी आंखों पर होने वाले नुकसान के बारे में बताएं। खाते वक्त टीवी न देखने का नियम बनाएं।
जंकफूड से रखें परहेज
बच्चों से इस बारे में बात करें कि कैसे सड़क के किनारे जंक फूड खाने से वह बीमार पड़ सकते हैं। कभी-कभी एक पिज्जा या बर्गर ठीक है, अगर ये रोजाना की आदत बन जाए तो आपको न कहना चाहिए। बच्चों की डायट में फल, नट्स, दालें और प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थ शामिल करें।