आत्मनिर्भर पैकेज 2020
नई दिल्ली। मौजूदा कोरोना वायरस संकट से देश की अर्थव्यवस्था को उबारने और मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान कर दिया है। इस दौरान सरकार ने बताया कि आखिर कैसे और किन क्षेत्रों में कितनी रकम खर्च की जाएगी। सरकार ने इस राहत पैकेज में आम लोगों से लेकर कॉरपोरेट समेत कई सेक्टर्स के लिए कुछ न कुछ प्रावधान किया है। आइए जानते हैं कि आखिर कैसे 20 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
व्यापार पर होने वाले खर्च
>> कर्मचारी भविष्य निधि योगदान के जरिए केंद्र सरकार कुल 2,500 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसके तहत केंद्र सरकार उन कर्मचारियों का ईपीएफ योगदान देगी, जिनमें 90 फीसदी कर्मचारियों की सैलरी 15 हजार रुपये से कम होगी। इससे कर्मचारी और कंपनी, दोनों को सीधे तौर पर लाभ मिल सकेगा।
>> इनकम टैक्स रिटर्न के जरिए लोगों के हाथ में 18,000 करोड़ रुपये आएंगे। सरकार ने सभी पेंडिंग आईटी रिटर्न को जारी करने का ऐलान किया है। हालांकि, सरकार ने साफ कहा है कि इस पर उसकी खजाने से खर्च नहीं किया जा रहा है। यह लोगों का पैसा है और उन्हें जरूरत के समय पर वापस किया जा रहा है।
>> कारोबार के लिए 3 लाख करोड़ रुपये का ऑटोमेटिक कोलेटरल फ्री लोन जारी किया जाएगा। इस पर भी सरकार अपने खजाने से नहीं खर्च करेगी। हालांकि, ब्याज पर मिलने वाली सब्सिडी का बोझ सरकार ही उठाएगी।
>> इक्विटी इनफ्युजन के जरिए बाजार में 50,000 रुपये जारी किए जाएंगे। इसके तहत केंद्र सरकार कंपनियों में शेयर्स खरीदेगी। यह सरकार की तरफ से एक निवेश होगा।
>> टीडीएस दरों में 25 फीसदी की कटौती के जरिए लोगों के हाथ में 50,000 करोड़ रुपये बच सकेंगे। इसमें केंद्र सरकार का एक रुपया भी नहीं खर्च होगा।
>> रियायती दर पर मुद्रा स्कीम के तहत 1,500 करोड़ रुपये का कर्ज दिया जाएगा। इसका पूरा खर्च केंद्र सरकार ही उठाएगी।
आम लोगों पर कितना खर्च करेगी सरकार?
>> प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत केंद्र सरकार 1,70,000 करोड़ रुपये खर्च करने का ऐलान किया था। इसके तहत गरीब और जरूरतमंद लोगों को 5 किलो अनाज, फ्री एलपीजी सिलेंडर और जनधन खातों में 500 रुपये ट्रांसफर आदि के ऐलान किए गए थे। इस पर होने वाले पूरे खर्च का बोझ केंद्र सरकार उठाएगी।
>> कोविड-19 टेस्टिंग के लिए इमरजेंसी हेल्थ रिस्पॉन्स पैकेज के तहत 15,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
>> किसान कार्ड लोन के जरिए किसानों को 2.25 लाख करोड़ रुपये का कर्ज दिया जाएगा। इसका खर्च केंद्र सरकार नहीं उठाएगी।
>> किसानों को 86,600 करोड़ रुपये का लोन दिया जाएगा। इसका बोझ भी केंद्र सरकार की झोली पर नहीं पड़ेगी।
>> प्रवासी मजदूरों को सपोर्ट करने के लिए केंद्र सरकार ने 14,502 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
>> इसके लिए अलावा रेहड़ व फेरी वालों को 5 हजार करोड़ रुपये, कैम्पा फंड के जरिए 6,000 करोड़ रुपये, किसानों को 30 हजार करोड़ रुपये का इमरजेंसी फंड और हाउसिंग लोन इंटरेस्ट सब्सिडी पर 70 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। ये सभी खर्च केंद्र सरकार खुद उठाएगी।
बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लिए ऐलान
>> कैश रिजर्व रेशियों में कटौती करने के फैसले से 1.37 लाख करोड़ रुपये बाजार में जा सकेंगे। दरअसल, इस कटौती के बाद बैंकों के पास आम लोगों को कर्ज देने के लिए अधिक पूंजी उपलब्ध हो सकेगी। इस पर सरकार का कोई खर्च नहीं होगा।
>> विशेष रिफाइनेंस सुविधा और विशेष लिक्विडिटी सुविधा के तहत 1,30,000 करोड़ रुपये बाजार में पहुंच सकेगा।
>> आंशिक क्रेडिट गारंटी के जरिए बाजार में 45,000 करोड़ रुपये पंप किए जाएंगे।
>> बिजली वितरण कंपनियों को 90 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे। इस खर्च केंद्र सरकार नहीं उठाएगी।
>> कृषि ईकाईयों को 6,700 करोड़ रुपये का वर्किंग कैपिटल उपलब्ध कराया जाएगा।
आत्मनिर्भर भारत बनाने में कैसे हुए 20 लाख करोड़ रुपये का आवंटन
सरकार ने बीते रविवार को 20 लाख करोड़ रुपये के पूरो पैकेज के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी है। इसके तहत आरबीआई द्वारा उठाए कदम में 8.01 लाख करोड़ रुपये और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 1.92 लाख करोड़ रुपये भी शामिल किए गए हैं। इसके अलावा बीते 5 दिनों में सरकार ने विभिन्न माध्यमों से कुल 11.02 लाख करोड़ रुपये का ऐलान किया है। पहली किस्त में किए गए ऐलानों पर कुल 5.94 लाख करोड़ रुपये, दूसरी किस्त में 3,10 लाख करोड़ रुपये और तीसरी किस्त में 1.50 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा चौथी और पांचवी किस्त में सरकार ने 48,100 करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया है।