संघ की जायज मांग को जीएम ने पीसीपीओ के अनुमोदन पर किया स्वीकार

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रेलकर्मियों में खुद की छुट्टी सुरक्षित होने से खुशी की लहर

जबलपुर। कोरोना वायरस के कारण जैसे पूरा देश थम सा गया था। इस वायरस के कारण लगे लॉकडाउन के शिकार रेलकर्मी भी हुए। यातायात की समस्याओं के चलते इन रेलकर्मियों को अलग-अलग स्थानों पर रुकना इनकी मजबूरी बन गई थी। कोई साधन न होने के कारण कार्य पर न पहुंच पाना और किसी तरह आने पर रेलकर्मियों के सामने क्वाराइन्टीन लीव की समस्या थी। हरदम की तरह इस बार भी अपने रेलकर्मियों की इस समस्या का समाधान वेस्ट सेंट्रल रेल मजदूर संघ ने किया। इसके कारण भोपाल, कोटा और जबलपुर के सभी रेलकर्मियों में खुशी की लहर व्याप्त है। संघ के आग्रह पर जीएम ने उक्त लीव को विशेष अवकाश का दर्जा दिया है।

ज्ञात हो कि इस संबंध में संघ महासचिव अशोक शर्मा ने बताया कि संघ के मसीहा, मार्गदर्शक और अध्यक्ष डॉ.आर.पी. भटनागर के दिशानिर्देश पर बीते दिवस पमरे जीएम को पत्र दिया गया था। पत्र में कोविड-19 के कारण पमरे के हजारों रेलकर्मी परेशान और भय के साये में थे। केंद्र सरकार के आदेश पर जो जहां थे, वहीं रुके रहे। जब ऑफिस खुले और किसी तरह रेलकर्मी मुख्यालय आये, तब वे 14 दिन के लिए क्वाराइन्टीन हुए हैं। इस मामले पर संघ के प्रवक्ता सतीश कुमार ने बताया कि 14 दिन क्वाराइन्टीन रहने पर रेलकर्मियों के मन में भय था कि इस दौरान उनकी खुद की छुट्टी लगेगी या फिर विशेष अवकाश मिलेगा। इस मामले को जैसे ही मजदूर संघ महासचिव अशोक शर्मा ने संज्ञान में लेते हुए तत्काल पमरे जीएम शेलेन्द्र के सिंह को पत्र लिखा और समय निकालकर उनसे मुलाकात की।

गौरतलब हो कि रेल मजदूर संघ की इस जायज मांग को जीएम ने पीसीपीओ के अनुमोदन पर स्वीकार कर लिया है। उन्होंने क्वाराइन्टीन रहे रेलकर्मियों को विशेष अवकाश दर्जा दे दिया है। अब किसी भी कर्मी की छुट्टी नहीं काटी जायगी। खास बात यह है कि सुख-दुख में रेलकर्मियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने वाले संघ के पदाधिकारियों की कार्यशैली से रेलकर्मियों में खुशी व्याप्त है। उनका कहना है कि संघ की वजह से उनकी खुद की छुट्टी सुरक्षित है।

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