झारखंड का वो रेलवे स्टेशन जिसका कोई नाम नहीं

0
112

रांची से टोरी जाने वाली पैसेंजर ट्रेन लोहरदगा के बाद ऐसे ही एक अनाम रेलवे स्टेशन पर रुकती है जहां नाम को लेकर झगड़ा चल रहा है.

यहां सिर्फ़ एक मिनट के इस ठहराव के दौरान दर्जनों लोग उतरते हैं. वे कमले, बडक़ीचांपी, छोटकीचांपी, सुकुमार आदि गांवों के रहने वाले हैं. इन लोगों ने लोहरदगा और रांची में ट्रेन पर सवार होते वक्त बडक़ीचांपी का टिकट लिया था. मतलब, इस अनाम स्टेशन का नाम बडक़ीचांपी है. फिर भी दूसरी जगहों की तरह इस प्लेटफ़ॉर्म पर, यात्री शेड या किसी भी सार्वजनिक जगह पर स्टेशन का नाम नहीं लिखा गया है.

ऐसा क्यों है : मेरे साथ इस स्टेशन पर उतरीं कमले गांव की सुमन उरांव ने बताया कि इसके पीछे दो गांवों का विवाद है. इस कारण साल 2011 में इसकी शुरुआत के बावजूद अभी तक स्टेशन का नाम नहीं लिखा जा सका. सुमन उरांव कहती हैं, ये स्टेशन मेरे गांव कमले की ज़मीन पर बना हुआ है. इस कारण गांव के लोगों की मांग है कि इसका नाम कमले होना चाहिए. हमने इसके निर्माण के लिए जमीन दी है. हमारे लोगों ने मज़दूरी भी की है. तो फिर रेलवे ने किस आधार पर इसका नाम बडक़ीचांपी तय कर दिया. इस कारण हम लोगों ने प्लेटफ़ॉर्म पर रेलवे स्टेशन का नाम नहीं लिखने दिया.

Leave a Reply