जमालपुर, मुंगेर, अंग और कोसी को जोडऩे वाली ट्रेन को रेलवे भूल गई है। पूरे तामझाम के साथ मुंगेर और सहरसा को जोडऩे वाली ट्रेन का परिचालन शुरू किया गया था। लेकिन, ट्रेन के समय से परिचालन को लेकर रेल प्रशासन गंभीर नहीं रहा। बीते एक सप्ताह से यह ट्रेन घंटों विलंब से चल रही है। लेकिन, इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। इससे जहां यात्रियों को फजीहत हो रही है, वहीं रेलवे को राजस्व का भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। लेकिन इससे रेलवे की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। यात्री से लेकर चालक तक परेशान हैं।
ट्रेन संख्या 05521 डाउन और 05522 जमालपुर से सहरसा के बीच चलाई गई थी। इस ट्रेन के चलने से खगडिय़ा, मानसी और सहरसा की ओर जाने वाले यात्रियों को काफी सहूलियत होती थी। रात में यह ट्रेन 8.40 बजे जमालपुर से खुलती है। शाम के बाद एक भी ट्रेन गंगा पार के लिए नहीं होने से यह काफी लोकप्रिय भी है। लेकिन समय के साथ इस ट्रेन के परिचालन पर ग्रहण लग गया। विलंब एक या दो घंटे हो तो कोई बात नहीं। लेकिन, चार से पांच घंटे तक विलंब से ट्रेन के परिचालन ने यात्रियों की परेशानी बढ़ा दी है। काफी विलंब से खुलने की वजह से ट्रेन की सीटें खाली रह जा रही है। पहले जहां पूरी ट्रेन भरी रहती थी, अब ट्रेन में यात्रियों की संख्या आधी रह गई है। इसका असर रेलवे के राजस्व पर भी पड़ा है। जबकि अप में यह गाड़ी अमूमन सही समय पर चलती है।
गया से आने के बाद जाती है सहरसा
जमालपुर-सहरसा के बीच चलने वाली 05521 ट्रेन संख्या की रैक गया से आती है। 53616 गया-जमालपुर सवारी गाड़ी ही जमालपुर आने के बाद नंबर बदल कर सहरसा जाती है। यह गाड़ी जमालपुर रात 8.30 बजे के पास आती है। यहां से यह गाड़ी 05521 बनकर रात 8.40 में सहरसा के लिए खुलती है। लेकिन दानापुर मंडल से ही विलंब होने की वजह से यह गाड़ी जमालपुर तीन से चार घंटे देरी से आ रही है। इस कारण इसे सहरसा के लिए भी विलंब से खोला जा रहा है।
विलंब पर एक नजर
– 10 जलाई 3 घंटे
– 11 जुलाई 4 घंटे
– 12 जुलाई 2 घंटे
– 13 जुलाई 4.30 घंटे
– 14 जुलाई 4 घंटे
– 15 जुलाई 1.5 घंटे
– 16 जुलाई 4 घंटे