लुधियाना रेलवे स्टेशन पर खत्म होगा चूहों का उत्पात

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लुधियाना, स्थानीय रेलवे स्टेशन पर ट्रैक के बीच व इधर-उधर अन्य स्थानों पर बड़े-बड़े चूहों का उत्पात जहां स्टाल धारकों के लिए भारी परेशानी का सबब बना हुआ है, वहीं रेलवे प्रशासन को भी यह खूब क्षति पहुंचाते हैं। पिछले साल कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने रेल कर्मियों को चूहों से निपटने के लिए विशेष सिखलाई भी दी थी, लेकिन इस बार इस काम को अंजाम देने के लिए रेल प्रशासन किसी निजी पैस्ट कंट्रोल कंपनी से सेवा ले सकता है।

मई 2016 में बनाई योजना के तहत फिरोजपुर मंडल के 3 स्टेशनों पर चूहों द्वारा पहुंचाई जाने वाली क्षति को रोकने के लिए रेलवे प्रशासन द्वारा 10,000 के करीब चूहों को लुधियाना व जालंधर रेलवे स्टेशन पर 1 माह के भीतर मार दिया गया था। सूत्र बताते हैं कि इस बार पी.ए.यू. द्वारा उपलब्ध करवाई गई सस्ती तकनीक को दोबारा इस्तेमाल करने की बजाय रेलवे अधिकारी किसी निजी पैस्ट कंट्रोल कंपनी से काम लेने की योजना बना रहे हैं।

रेल ट्रैक व अन्य स्थानों पर चूहे पहुंचाते हैं क्षति

स्थानीय रेलवे स्टेशन पर स्थित स्टालों पर खाने-पीने के सामान को चूहे जहां क्षति पहुंचाते हैं, वहीं रेलवे की चल सामग्री (फर्नीचर इत्यादि) के साथ-साथ रेल ट्रैक पर भूमिगत बिछाई गई सिग्नल की तारों को भी नुक्सान पहुंचा कर ट्रेनों में देरी का कारण बनते हैं, जिससे उन्हें समाप्त करने के लिए रेलवे को विशेष उपाय करने पड़े।

रेल कर्मियों को किसानों की तरह दी गई थी सिखलाई

किसानों की खड़ी फसल में जब चूहे उत्पात मचाकर उसे नुक्सान पहुंचाते हैं तो कृषि विश्वविद्यालय के माहिरों द्वारा उन्हें जिंक फॉस्फेट से बनी दवाई खेतों में चूहों के बने बिलों में डालने की सिखलाई दी जाती है, जो कारगर सिद्ध होती है। इसी तर्ज पर रेल कर्मियों को सुरक्षात्मक तरीके से दवाई का प्रयोग कर चूहों के बिलों में डालकर उन्हें बंद करने की विशेष सिखलाई दी गई थी।

घातक सिद्ध हो सकता है बिना सिखलाई दवा का प्रयोग

सूत्र बताते हैं कि दवाई बिना सिखलाई के अगर कोई इस्तेमाल करता है तो यह प्रयोगकत्र्ता के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। दूसरी तरफ स्टेशन निदेशक अभिनव सिंगला ने गत वर्ष कृषि विश्वविद्यालय से सिखलाई प्राप्त करने वाले रेल कर्मियों की जानकारी मांगी है ताकि इन कर्मियों से उनके द्वारा स्टेशन पर इस दवाई का इस्तेमाल करने में आने वाली दिक्कतों का पता लगाकर उन्हें दूर कर यह काम किसी निजी कंपनी की बजाय उनसे ही करवाया जा सके।

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