ट्रेन में रेल नीर के बजाय स्थानीय कंपनी का पानी बेचने और यात्री के साथ वेंडर का दुव्र्यवहार ठेकेदार को भारी पड़ गया। इस मामले की शिकायत के बाद रेलवे ने देर से ही सही, लेकिन यात्रा के दौरान यात्री के साथ में दुव्र्यवहार के एक मामले में ठेकेदार के खिलाफ 50 हजार रुपये का दंड लगा दिया है और दूसरे मामले की जांच कर रहा है।
भिवंडी के आदर्श पार्क में रहने वाले पावरलूम व्यवसायी अजीत छापडिया ने 31 मार्च को कल्याण से कोलकाता जाने के लिए ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 12101) में एसी द्वितीय श्रेणी का टिकट आरक्षित करवाया था। उनका पीएनआर नंबर 8257659937 था। यात्रा के दौरान वेंडर यात्रियों को रेल नीर के बजाय किसी स्थानीय कंपनी का पानी बेच रहा था, वह भी निर्धारित दर 15 रुपये के बजाय 20 से 30 रुपये अधिक लेकर। इसी तरह चाय सात के बजाय 15 रुपये में और नाश्ता 30 के बजाय 60 से 70 रुपये में बेचा जा रहा था।
यात्रियों द्वारा विरोध करने पर वेंडर ने सीधे-सीधे कह दिया कि तुम्हें लेना है तो लो, हल्ला मत करो। यात्री अजीत छापडिया द्वारा रेलवे अधिकारियों से शिकायत करने की बात कहने पर वेंडर उन्हें धमकी देते हुए कहा कि ज्यादा हल्ला करोगे, तो अभी मैं चेन खींच कर तुम्हें फर्जी केस में फंसवा दूंगा।
छापडिया के मुताबिक, किसी भी वेंडर ने न तो ड्रेस पहना था, न ही उनके पास कोई परिचय पत्र था। छापडिया ने वेंडर द्वारा धमकी देने के बाद तत्काल वेंडर के विरुद्ध खानपान और वेंडिंग सेवा में दुव्र्यवहार करने की ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा दी। कोलकाता से 2 अप्रैल को वापसी के लिए उन्हें फिर ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस मिली। इस बार ट्रेन नंबर-12102 में पीएनआर नंबर 6263084418।
इस बार भी खानपान का वही स्टाफ, वही खाद्य पदार्थ और उसे बेचने वाले वेंडर का वही व्यवहार। विरोध करने पर वेंडर द्वारा वही रटारटाया जवाब मिला। छापडिया ने दूसरी बार फिर खानपान और वेंडिंग सेवा में दुव्र्यवहार करने की ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा दी।
ऑनलाइन शिकायत के लगभग एक महीने बाद छापडिया को उनके मोबाइल पर 7710072587 नंबर से फोन आया कि उनके द्वारा दर्ज कराई गई ऑनलाइन शिकायत की जांच की जा रही है। उनकी दूसरी शिकायत के मामले में कन्ट्रेक्टर आर.के. असोसिएट्स ऐंड होटलीयर के खिलाफ खानपान और वेंडिंग सेवा में दुव्र्यवहार करने के कारण 50 हजार रुपये की पेनल्टी लगाई गई है और पहले शिकायत की जांच की जा रही है। छपाडिया ने बताया कि कंट्रैक्टर के विरुद्ध 50 हजार रुपये की पेनॉल्टी लगाए जाने की पुष्टि रेलवे ने की है। देर से ही सही रेलवे ने कंट्रैक्टर के विरुद्ध कार्रवाई तो की।