डॉ. आर.पी. भटनागर
भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अगस्त माह की अपनी एक अलग पहचान एवं महत्ता है। इसी माह में सन 1920 में गांधी जी ने असहयोग आंदोलन की शुरुआत की थी। इस आंदोलन को शुरू करने के पीछे सबसे प्रमुख कारण था – अंग्रेजी सरकार की अस्पष्ट नीतियां। इस आंदोलन के अंतर्गत पूरे भारतवर्ष में उपाधियां तथा अनैतिक पदों का परित्याग, स्कूल, कॉलेज तथा सरकार अदालतों का बहिष्कार, विदेशी वस्तु का परित्याग आदि किया गया था। 1942 में इसी माह गांधी जी ने भारत छोड़ो आंदोलन का सूत्रपात्र किया था। यह एक ऐसा विराट जन आंदोलन था जिसने अंग्रेजी सरकार की जड़ें हिला कर रख दीं और अंतत: 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों को भारत छोडऩा ही पड़ा। अनेक शहीदों ने अपनी जान की कुर्बानी देकर अपनी मातृभूमि को परतंत्रता की बेडिय़ों से मुक्त कराया। सभी देशवासियों का यह परम कर्तव्य होना चाहिए कि वे अपनी मातृभूमि, तिरंगे झंडे का सम्मान करें। देशप्रेम की लौ जलाएं। महात्मा गांधी ने जिस स्वतंत्र भारत का सपना देखा था उसे साकार करने में अपना- अपना योगदान दें। आपसी सदभाव, भाईचारा मजबूत करें। देश से गद्दारी करने वालों को पहचाने एवं उनके मंसूबों को कभी कामयाब न होने दें। अगस्त माह में केवल स्वतंत्रता दिवस पर ही कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं परंतु इस माह की महत्ता को देखते हुए पूरे माह वृक्षारोपण, प्रभातफेरी, द्वार सभाएं, संगोष्ठियां जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए। एक जन-जागरण अभियान पूरे माह चलाया जाना चाहिए जिससे देशवासियों खासकर युवा वर्ग को देश की वर्तमान परिस्थिति से अवगत कराया जा सके। देश किस दिशा में जा रहा है, मजदूर, किसान व आम जनता किस हालत में है इसे समझना बहुत जरूरी है। मीडिया द्वारा जो पेश किया जाता है और जमीनी हकीकत में फर्क हो सकता है। जिस तेजी से वर्तमान सरकार निजीकरण का विस्तार कर रही है वह देश के लिए ठीक नहीं है। समान कार्य के लिए समान वेतन क्यों नहीं दिया जाता। किसी भी कार्य को करने में लागत समान होती है। जब सरकारी उपक्रम उस कार्य को करता है तो उसके मुनाफे से सभी कर्मचारियों को वेतन दिया जाता है परंतु जब ठेकेदार द्वारा वही काम कराया जाता है तो ठेका मजदूरों को बहुत कम मजदूरी दी जाती है और सारा मुनाफा ठेकेदार की जेब में जाता है। इससे अमीर और गरीब के बीच की खाई और अधिक चौड़ी होती जा रही है। अगस्त के इस क्रांति माह में प्रत्येक देशवासी खासकर बुद्धिजीवी वर्ग को सरकार द्वारा लागू की जा रही नीतियों का विश्लेषण करना चाहिए। सभी को समान अवसर मिले, भाई-चारा बढ़े, एकता मजबूत हो, किसी भी तरह का शेषण न हो, मजदूरों को उनका हक मिले, कोई भी किसान खुदकुशी न करे, तभी गरीबी भारत छोड़ो, भ्रष्टाचार भारत छोड़ो, जैसे नारे सार्थक हो पाएंगे।
सभी पाठकों को अगस्त माह की शुभकामनाएं।