यह कुंभ का मेला नहीं रेलवे जंक्शन है

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गोरखपुर, ट्रेन के सफर के दौरान स्लीपर कोच में वेटिंग टिकट वालों के बीच अपनी रिजर्व सीट के लिए जूझने का एक्सपीरियंस तो आपको भी हुआ होगा। लेकिन क्या हो जब इस भीड़ की वजह से आपको टॉयलेट जाने के लिए भी खुद को रोकना पड़े। ऐसा ही कुछ इन दिनों गोरखपुर रेलवे स्टेशन से गुजर रही ट्रेंस के पैसेंजर्स के साथ हो रहा है। भीड़ का हाल ये कि स्लीपर कोचों की हालत जनरल से भी बदतर हो जा रही है। वहीं प्लेटफॉ?म्र्स पर भी यात्रियों की खचाखच भीड़ को संभालने में रेल प्रशासन के पसीने छूट जा रहे हैं।
बढ़ती जा रही मुश्किल
इन दिनों गर्मी की छुट्टी और शादी का सीजन होने के कारण ट्रेंस में भीड़ काफी बढ़ गई है। गोरखपुर रेलवे स्टेशन की बात करें तो यहां प्रवेश करते ही खचाखच भीड़ से सामना होता है। हाल ये है कि टिकट काउंटर से लेकर ट्रेन की बोगी तक में पहुंचने के लिए पैसेंजर्स को परेशानी से जूझना पड़ रहा है। इस उमस भरी गर्मी में प्लेटफॉर्म नंबर एक से लेकर नौ तक पैसेंजर्स स ठसाठस भर रह रहे हैं। ट्रेंस का इंतजार कर रहे पैसेंजर्स को प्लेटफॉम्र्स पर बैठने तक की जगह नहीं मिल पा रही है। बेंच तो भरे ही रह रहे हैं, लोगों को जमीन पर बैठने तक की भी जगह नहीं मिल पा रही है।
फेल हो रहे रेलवे के दावे
रेलवे की ओर से पैसेंजर्स सुविधा को लेकर दावे तो तमाम किए जाते हैं, लेकिन हकीकत इसके बिल्कुल इतर है। लंबी वेटिंग लिस्ट के के चलते ट्रेंस में भीड़ तो बढ़ ही रही है, नो रूम होने पर सैकड़ों पैसेंजर्स जनरल क्लास के टिकट पर पेनाल्टी बनवाकर स्लीपर में यात्रा कर रहे हैं। जिससे महीनों पहले रिजर्वेशन करा चुके पैसेंजर्स को सीट पाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
गोरखधाम में सबसे ज्यादा मारामारी
ऐसे तो इन दिनों सभी ट्रेंस में भारी भीड़ हो रही है। लेकिन गोरखपुर से हिसार जाने वाली 12555 गोरखधाम एक्सप्रेस में सर्वाधिक भीड़ चल रही है। वहीं बिहार की ओर से आने वाली ट्रेंस की स्थिति तो बद से बदतर हो चुकी है। ठसाठस भरी बोगियों में सफर करना बेहद मुश्किल होता जा रहा है। रेलवे के जानकारों के मुताबिक ट्रेंस में भीड़ की यह स्थिति अभी जुलाई महीने तक रहेगी।
रिजर्वेशन के बाद भी अपनी सीट पर बैठने की जगह नहीं मिल रही है। एक सीट पर पांच- पांच लोग बैठकर सफर कर रहे हैं। ट्रेन में कहीं खड़े होने तक की भी जगह नहीं है। ऐसे में अन्य लोगों को अपनी सीट पर बैठाना मजबूरी है। किसी तरह बैठकर ही सफर करना पड़ेगा.
– रोहन, पैसेंजर
पूरी ट्रेन में इस कदर भीड़ है कि जो जहां बैठा है वह हिल तक नहीं सकता। टॉयलेट तक जाना मुश्किल हो रहा है। बर्थ से टॉयलेट तक जाने के लिए गैलरी में बैठे सैकड़ों लोगों को उठाना पड़ेगा। भीड़ की वजह से स्लीपर क्लास की स्थिति जनरल से भी बदतर हो गई है.
– मुकेश शाही, पैसेंजर
पैसेंजर्स सुविधा को लेकर रेलवे की ओर से हर संभव कोशिश की जा रही है। गर्मी की छुट्टी में पैसेंजर्स की बढ़ती भीड़ को देखते हुए लगातार स्पेशल ट्रेंस चलाई जा रही हैं। इसके साथ ही डेली ट्रेंस में एक्स्ट्रा कोच भी लगाए जा रहे हैं.   – संजय यादव, सीपीआरओ

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