रेलवे में अभी भी खाने और सफाई की शिकायतों का अंबार
रेल मंत्री सुरेश प्रभु भले ही रेलवे में सुधार की बातें कर रहे हों लेकिन हकीकत काफी अलग है. रेलवे को हर रोज खान-पान और साफ-सफाई को लेकर सबसे ज्यादा शिकायतें सुनने को मिली रही हैं. एक मई 2017 से 25 जून यानि 56 दिनों के आंकड़ों के अनुसार केवल सोशल मीडिया और ई-मेल से 5654 लोगों ने रेलवे के खान-पान की शिकायत की है. इनमें तीन हज़ार से ज्यादा लोगों ने तो खाने की ओवर चार्जिंग यानि तय क़ीमत से ज़्यादा पैसे वसूले जाने की शिकायत की है. यह हाल तो तब है जब पिछले दिनों रेलवे ने खाने के सामान की कीमतों की सूची जारी की थी. ट्रेनों के परिचालन को लेकर 19 हजार के करीब शिकायतें मिली हैं. इनमें 15580 शिकायतें ट्रेनों के लेट चलने से जुड़ी हैं. यह आंकड़ा भी केवल सोशल मीडिया और ई-मेल से मिली शिकायतों का है. इसी माध्यम से आई शिकायतों से पता चलता है कि 6434 मुसाफिऱों ने गंदगी की शिकायत की है. इसमें 2824 शिकायतें कोच में फैली गंदगी और 2500 शिकायतें गंदे टॉयलेट से जुड़ी हैं. वहीं ट्रेन के कंबल, चादर और तौलिये से जुड़ी शिकायतों की बात करें तो यह आंकड़ा भी करीब 5 हजार है. एक जून से अब तक करीब 40 हजार लोगों ने सोशल मीडिया और ई-मेल से भारतीय रेल को अपनी शिकायत भेजी है. ख़ास बात ये है कि इनमें मैसेज या फोन से मिली शिकायतों का आंकड़ा शामिल नहीं है.
आंकड़े बताते हैं कि हर महीने करीब एक लाख लोग भारतीय रेल को शिकायत भेजते हैं. रेलवे के सामने इन शिकायतों में कमी लाना और अपनी सुविधा में सुधार करना बड़ी चुनौती है.