संगठन की महत्ता (संपादकीय)

0
15

डॉ. आर.पी. भटनागर,

हमारे देश में काम – काजी वर्ग का मात्र 6′ ही संगठित क्षेत्र के अंतर्गत रह गया है शेष 94′ असंगठित क्षेत्र के दायरे में है। रेलवे संगठित क्षेत्र का हिस्सा है और इसीलिए यहां मान्यता प्राप्त युनियन / फेडरेशन का अस्तित्व है। प्रत्येक ग्रुप सी और डी कर्मचारी की युनियन में भागीदारी का अधिकार प्राप्त है। प्रत्येक पांच वर्षो के अंतराल के बाद युनियन / फेडरेशन की मान्यता हेतु चुनाव होते हैं और कर्मचारी इस चुनाव में अपने हितों की रक्षा करने हेतु युनियन का चुनाव अपने मताधिकार का उपयोग करते हैं।
युनियन / फेडरेशन विभन्न वार्ता तंत्रों के माध्यम से कर्मचारियों की समस्याओं को हल करने हेतु हर संभव प्रयास करती है। उनके हितों की रक्षा उन्हें हर संभव न्याय दिलवाने हेतु विभन्न आंदोलन किए जाते हैं जिनसे प्रशासन और सरकार पर दबाव बनता है और वे मजदूर होकर उठाई गई मांगों को पूरा करते हैं। रेलवे कर्मचारियों को आज जितने भ्ी लाभ हासिल हैं उन्हें हासिल करने में सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ / नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमेन्स की बहुत बड़ी भूमिका रही है। पे-कमीशन, डीए का फोर्मूला, कैडर रिस्ट्रक्चरिंग, ए.सी. यात्रा हेतु पास, पीएलबी (बोनस), लार्जेस, ट्रेड अपे्रंटिस की भर्ती ऐसे अनेक लाभ हैं जिन्हें दिलवाने का श्रेय एनएफआईआर को जाता है। ऐसी मांगें भी हैं जिन्हें अभी हासिल नहीं किया जा सका है परंतु संघर्ष जारी है। युनियन / फेडरेशन की ताकत कर्मचारियों की भागीदारी से बनती है। प्रत्येक कर्मचारी को सरकार द्वारा प्रदत्त इस अधिकार का उपयोग करना जरूरी है। जो मांगें हासिल नहीं की जा सकती है उनके लिए युनियन या फेडरेशन को कोसना सरासर गलत और न्याय संगत नहीं है। मांगों को हासिल करने में एनएफआईआर जैसे संगठन कोई भी कसर बाकी नहीं छोड़ते। समय जरूर लगता है परंतु जीत कामगारों की ही होती है।
गुमराह करने वाले तत्व गलत प्रचार करके कामगारों की एकता में सेंध लगाना चाहते हैं। परंतु वे अपने मंसूबों में कभी सफल नहीं हो पाएंगे। आज का कामगार समझदार है और वह भली भांति यह समझता है कि यदि मजबूत युनियन नहीं हो तो उसके साथ बंधुआ मजदूर जैसा बर्ताव किया जाएगा। प्रशासन मनमानी करेगा और सुनने वाला कोई नहीं होगा।
सीआरएमएस / एनएफआईआर जैसे राष्ट्र हितैषी संगठन सच की राह पर चलते हैं और सच की राह में देर है पर अंधेर नहीं। ऐसे संगठनों के साथ जुड़कर सभी कामगारों को अपनी ताकत और अधिक मजबूत करनी चाहिए।

Leave a Reply