अब सेवा बहाल
28 जुलाई से 3 अगस्त तक मना रहे शहादत सप्ताह के अंतिम दिन की घोषित बंदी के चलते आधी रात को नक्सलियों ने रेलवे को शिकार बनाया। 2 अगस्त, बुधवार की आधी रात नक्सलियों ने किउल-झाझा रेलखंड पर गोपालपुर केबिन मैन और किउल-जमालपुर रेलखंड पर उरैन केबिन मैन को बंधक बना कर रातभर दोनों लाइन की ट्रेनें बाधित कर दी। दोनों ही रेलखंड पर 10 से ज्यादा एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनें खड़ी रही। इस घटना ने रेल प्रशासन के साथ लखीसराय और जमुई पुलिस की नींद उड़ा दी। रेल प्रशासन ने ट्रैक उड़ाने की आशंका पर यात्रियों की सुरक्षा के एहतियातन ट्रेनों को जमालपुर (मुंगेर जिला) और झाझा (जमुई जिला) स्टेशन पर रोक दिया। रात भर जिला व रेल पुलिस के सीआरपीएफ, कोबरा बटालियन, आरपीएसएफ संग चले छापेमारी अभियान और रेलवे द्वारा ट्रैक जांच के बाद बुधवार की सुबह करीब 6 बजे परिचालन सामान्य हुआ।
लाल आतंक : नक्सलियों ने उड़ाया ट्रैक, बाल-बाल बची रांची एक्सप्रेस
नक्सलियों ने बुधवार देर रात करीब 11 बजे किउल-झाझा रेलखंड पर गोपालपुर 48 नं. के गेटमैन मुनिलाल को बंधक बनाया था, जबकि किउल-जमालपुर रेलखंड पर उरैन केबिन मैन प्रमोद को अगवा कर अपने साथ ले गए थे। दिल्ली-हावड़ा मेनलाइन और साहेबगंज-किउल लूपलाइन पर स्थित दोनों ही घटनास्थल लखीसराय जिला अंतर्गत आते हैं। जैसा कि दोनों ही केबिनमैन ने बताया कि नक्सलियों ने मुनिलाल को 1 एक घंटे बाद छोड़ दिया, जबकि प्रमोद अहले सुबह ढाई बजे उरैन स्टेशन पहुंचा। नक्सलियों ने जाते-जाते गोपालपुर में एक मोबाइल टावर जेनरेटर में आग लगा दी।
रात से सुबह तक रेलवे प्रशासन द्वारा ट्रैक की जांच और पुलिस की सुरक्षा जांच के बाद ट्रेनों को धीरे-धीरे रवाना किया गया। अब दोनों ही ट्रैक पर परिचालन सामान्य है, जबकि नक्सलियों की टोह में पुलिस की छापेमारी जारी है।