सीआरएमएस है तो मुमकिन है
मुंबई। कोरोना महामारी में ज्यादा से ज्यादा संस्थान, दुकानें, कार्यालय आदि बंद ही चल रहे हैं। ऐसे में 120 ट्रेनी एएलपी की जेडआरटीआई भुसावल की ट्रेनिंग 18 जून को समाप्त होने के बाद उनको 19 जून को मुंबई में आकर रिपोर्ट करना था। दरअसल जो बहुत मुश्किल और रिस्की था। इस बात की जानकारी जब सीआरएमएस अध्यक्ष मजदूर मसीहा डॉ. आर.पी.भटनागर को अपने मुंबई मंडल के पदाधिकारियों द्वारा लगी तो क्षणिक मात्र देर न करते हुए उन्होंने इस मामले पर पीसीओएम से न सिर्फ बात की, बल्कि सभी ट्रेनी एएलपी को कोविड के खतरे को देखते हुए उनके घर भेजकर बाकी ट्रेनिंग ऑनलाइन कराने का आदेश निकलवाया। इससे इन सभी ट्रेनी एएलपी कर्मचारियों ने संघ और अध्यक्ष का धन्यवाद दिया और कहा कि सीआरएमएस है तो सब मुमकिन है। जैसा कि इस सच्चाई से सभी वाकिफ हैं कि रेल साथियों के हर एक मुद्दे को सदा से मजबूती के साथ सीआरएमएस के पदाधिकारी मामले को उठाकर उसका त्वरित समाधान करते चला आ रहे हैं। उसी का एक उदाहरण यह भी है।
मिली जानकारी के अनुसार जेडआरटीआई भुसावल में मुंबई मंडल के 192 ट्रेनी एएलपी ट्रेनिंग में हैं, जिनमें से 120 ट्रेनी एएलपी की जेडआरटीआई भुसावल की ट्रेनिंग 18 जून को समाप्त होने के बाद उन्हें 19 जून को मुंबई में आकर रिपोर्ट करना था। ज्ञात हो कि मुंबई में एक तरफ जहां कोरोना वायरस का प्रकोप चरम पर है, वहीं दूसरी तरफ इनके रहने-खाने से लेकर विभिन्न समस्याएं मुंह बाए सामने खड़ी थी। इस कारण सभी ट्रेनी एएलपी डरे हुए थे। इसकी जानकारी जब सीआरएमएस मुंबई मंडल अध्यक्ष विवेक शिशौदिया, मुंबई मंडल सचिव अनिल दुबे, संजीव दुबे को लगी, तो उन्होंने तुरंत आनन-फानन में डीआरएम, एडीआरएम, सीनियर डीपीओ और संघ के अध्यक्ष डॉ.आर.पी.भटनागर जी को सारी जानकारी से अवगत कराया। इतने अधिक संख्या में मुंबई में ट्रेनी एएलपी की रहने की व्यवस्था मुश्किल है व उनके जानमाल के लिए भी अच्छा नहीं है। इस बात का ख्याल रखते हुए संघ अध्यक्ष डॉ.आर.पी.भटनागर ने तुरंत पीसीओएम से बात कर सभी ट्रेनी एएलपी को उनके घर भेजकर बाकी ट्रेनिंग ऑनलाइन कराने का आदेश निकलवाया। इस खुशी के बाद इन सभी ट्रेनी एएलपी कर्मचारियों ने संघ के सभी पदाधिकारियों का धन्यवाद दिया।