देवरिया, ट्रेनों में व प्लेटफार्म पर आपकी सुरक्षा करने वाले राजकीय रेलवे पुलिस के जवान खुद ही असुरक्षित हैं। उसके आवास की हालत काफी खराब है। बरसात होते ही पानी टपकने लगता है और जाग कर इंस्पेक्टर से लेकर पुलिस कर्मियों तक को पूरी रात गुजारनी पड़ती है। इतना ही नहीं, कभी-कभी तो उनके भवन में भी करंट दौडऩे लगता है। ऐसे में कुछ पुलिसकर्मी अब गोरखपुर से आकर अपनी ड्यूटी देवरिया में बजा रहे हैं।
इंस्पेक्टर के कई बार रिपोर्ट भेजने के बाद भी भवन पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश पुलिस के जवानों को ट्रेनों में यात्रियों की सुरक्षा समेत अन्य सुरक्षा के लिए तीन साल के लिए राजकीय रेलवे पुलिस में भेजा जाता है। रेलवे सुरक्षा बल की व्यवस्था को रेलवे द्वारा बेहतर की जाती है, लेकिन राजकीय रेलवे पुलिस के जवानों के रहने की व्यवस्था तो जैसे-तैसे ही कर दी जाती है। जिसके चलते राजकीय रेलवे पुलिस के जवान परेशान रहते हैं। सदर रेलवे स्टेशन पर राजकीय रेलवे पुलिस का थाना है। यहां एक प्रभारी निरीक्षक, चार उप निरीक्षक व 13 सिपाही की तैनाती है। इनके रहने की व्यवस्था पर ध्यान दें तो काफी खराब है। एक ही कमरे में इंस्पेक्टर लक्ष्मी नारायण व तीन उप निरीक्षक रहते हैं। जबकि एक उप निरीक्षक व पांच सिपाही एक बैरक में रहते हैं। रहने की व्यवस्था न होने के चलते आठ सिपाही गोरखपुर से आकर ड्यूटी बजाते हैं। जो बैरक व कमरा है, वह भी बरसात के मौसम में टपकता है। ऐसे में पूरी रात जाग कर गुजारनी पड़ती है। इसके अलावा जो मालखाना है, उसकी भी छत टपकती है, जिसके चलते असलहा में पानी भरने का भी डर लगता है। ऐसे में खुद असुरक्षित पुलिसकर्मी आपकी क्या सुरक्षा करेंगे? इस बाबत जीआरपी थानाध्यक्ष लक्ष्मी नारायण ने कहा कि बरसात के मौसम में पानी टपकता है। इसकी कई बार रिपोर्ट भी भेजी जा चुकी है, लेकिन अभी तक इसको लेकर कोई आदेश नहीं दिया गया है। सलेमपुर रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा के लिए तीन जीआरपी के सिपाही की तैनाती है। वहां रहने के लिए एक मात्र टिनशेड है, जिसमें तीन चारपाई तक एक साथ नहीं बिछ पाती। इसलिए सिपाही दो ही चारपाई पर सोते हैं। यह भी बरसात के मौसम में टपकता है। असुरक्षा के चलते अब यहां तैनात सिपाही सुरक्षा के लिए मिले असलहे को भटनी थाने में ले जाकर जमा कर दिए हैं। अब वह केवल डंडा के भरोसे लोगों की सुरक्षा दे रहे हैं।