सबसे पहले होगा 40 साल पुराने पुलों का ऑडिट

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अंधेरी गोखले रोड ब्रिज हादसे के बाद रेलवे से गुजरने वाले सभी पुलों का ऑडिट करने की घोषणा की गई है। रेलमंत्री पीयूष गोयल के निर्देशानुसार गुरुवार को बीएमसी कार्यालय में बैठक की गई। इस बैठक में मुंबई महानगरपालिका के आयुक्त अजय मेहता, पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक ए.के.गुप्ता, मध्य रेल के महाप्रबंधक डी.के.शर्मा, मध्य रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक एस.के.जैन और बृहनमुंबई महानगरपालिका के इंजिनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्षों ने भाग लिया।

बैठक में क्या हुआ?

इस बैठक के दौरान बृहन मुंबई महानगरपालिका, रेलवे तथा आईआईटी विशेषज्ञों की 12 संयुक्त टीमें गठित करने का निर्णय लिया गया। एक टीम में कम से कम 3 सदस्य होंगे। ये टीमें शुक्रवार से रेलवे ट्रैक से गुजरने वाले रोड ओवर ब्रिज, फुटओवर ब्रिज, पाइप लाइन इत्यादि स्ट्रक्चरों का विस्तार से ऑडिट शुरू करेंगी। एक अधिकारी ने बताया कि सबसे पहले 40 साल पुराने ब्रिजों का ऑडिट किया जाएगा। अभी 445 स्ट्रक्चरों के ऑडिट के लिए तीन से चार महीनों का वक्त लगेगा। इस बैठक में बिना किसी प्रक्रिया संबंधी देरी के, प्राथमिकता के आधार पर यातायात के अत्यधिक दबाव वाले पुलों को जरूरत के आधार पर मरम्मत या पुनर्निर्मित किए जाने संबंधित निर्णय भी लिया गया।

हर महीने होंगी बैठक

बैठक में बीएमसी, पश्चिम रेलवे और मध्य रेल के बीच मासिक समन्वय बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया गया। मासिक बैठक में रेलवे से मुख्य ब्रिज इंजिनियर और अपर मंडल रेल महाप्रबंधक (इंफ्रास्ट्रक्चर) और बीएमसी के इंजिनियर विभाग के अधिकारी भाग लेंगे। इन बैठकों में डिजाइन, ड्रॉइंग, अनुमति, जमीन से संबंधित मामले इत्यादि सभी लंबित विषयों पर विचार-विमर्श किया जाएगा और इसके समाधान के लिए अधिकतम प्रयास किए जाएंगे। मरम्मत कार्य में देरी न हो, यह तय करने के लिए एक निश्चित धन राशि का कॉरपस फंड बनाने की संभावना को तलाशने का सुझाव दिया गया।

अतिक्रमण हटाने की अपील

इस बैठक के दौरान रेलवे अधिकारियों ने बीएमसी ने एफओबी से और पुलों की फुटपाथ से अतिक्रमण हटाने की अपील की है। रेलवे का कहना है कि इस तरह के अतिक्रमण से पुलों के ढांचे पर जंग लगने की संभावना बढ़ जाती है, जिससे ढांचा जल्दी कमजोर हो जाता है।

मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुनील उदासी ने कहा मध्य रेलवे पर सबसे पहले लोकमान्य तिलक ब्रिज (दादर) और एलफिंस्टन ब्रिज के ऑडिट से शुरुआत की जाएगी। पिछले 2 दिनों में मध्य रेलवे को जितनी भी सूचना मिली उसके आधार पर इंजिनियरिंग विभाग के लोगों ने जाकर पुलों का निरीक्षण किया।

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (पश्चिम रेलवे) रविंद्र भाकर ने कहा,‘जांच करने वाली टीमें ब्रिज के पूरे ढांचे का निरीक्षण करेगी। विशेषतया जंग की जांच की जाएगी। इसके अलावा ब्रिज के ऊपर, फुटपाथ के नीच मिट्टी की जांच भी की जाएगी। स्ट्रक्चर में कमजोरी पाए जाने पर किसी तरह की कोताही नहीं बरती जाएगी।

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