केंद्रीय कर्मचारियों की सबसे बड़ी संस्था नेशनल ज्वाइंट एक्शन कमेटी (NCJCA) की कल 3 जुलाई को (NPS) को लेकर लंबी बैठक चली। केंद्रीय कर्मचारी संगठन के सभी नेताओं ने अपने विचार रखे। एक बात सभी ने की कि अब वक्त आ गया है कि सरकार अगर हमारी मांगो को पूरा नहीं करती है तो हमें बड़े आंदोलन की ओर बढऩा चाहिए। नेताओं का ये भी मानना था चूंकि जुलाई की हडताल गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्तमंत्री अरुण जेटली, पूर्व रेलमंत्री सुरेक्ष प्रभु और रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा के बीच बचाव और मांगो पर गंभीरता से विचार करने के आश्वासन के बाद स्थगित की गई थी, लिहाजा आंदोलन के ऐलान के पहले गृहमंत्री राजनाथ सिंह को एक बार फिर साफतौर पर कर्मचारी संगठनों की भावनाओं से अवगत करा दिया जाना चाहिए।
बैठक में तय किया गया कि PMO को एक पत्र लिखकर 7 अगस्त तक का समय दिया जाए। अगर इस बीच हमारी मांगे नहीं मानी जाती हैं तो हम आगे किसी भी कार्रवाई के लिए स्वतंत्र होंगे। उम्मीद जताई गई कि सरकार हमारे पत्र के बाद 32 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को नाराज करने का जोखिम नहीं ले सकती, लोगों ने भरोसा जताया कि 15 अगस्त को लालकिले से प्रधानमंत्री NPS को खत्म कर पुरानी पेंशन स्कीम बहाल कर सकते है। इसके बाद भी ऐसा नहीं होता है तो तय हुआ कि 18 अगस्त को NCJCA की दोबारा बैठक होगी, जिसमें आंदोलन रणनीति तैयार की जाएगी।