21 रेलवे स्टेशन और 2 प्रोडक्शन यूनिट का होगा प्राइवेटाइजेशन

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क्या होगा यहां काम कर रहे कर्मचारियों का

नई दिल्ली, रेलवे मंत्रालय ने स्टेशन के डेवलपमेंट, रिडेवलपमेंट और कॉमर्शियल डेवलपमेंट के लिए कॉन्ट्रेक्टर को स्टेशन फेशीलिटेशन मैनेजर (SFM) के रूप में नियुक्त करने का फैसला किया है। इस योजना के पहले चरण में मंत्रालय ने 21 रेलवे स्टेशन और दो प्रोडक्शन यूनिट के लिए प्राइवेट कंपनियों से टेंडर आमंत्रित किए हैं।

इन स्टेशनों पर रेलवे केवल ट्रेन ऑपरेशन, पार्सल और टिकटिंग, प्लेटफॉर्म टिकट, पैसेंजर और गुड्स मूवमेंट, ओवर हेड ट्रैक्शन, सिग्नल और टेलीकम्यूनिकेशन का काम देखेगी। ट्रैक वर्कर्स आदि रेलवे के अधीन ही रहेगा, बाकी सारा काम एसएफएम के जिम्मे होगा। अन्य गतिविधियों में लगे मौजूदा रेलवे स्टाफ को स्टेशन के बाहर ट्रांसफर किया जाएगा। इनके स्थान पर एसएफएम का प्राइवेट स्टाफ काम करेगा। एसएफएम यह सुनिश्चित करेगा कि सभी सेवाओं के लिए पर्याप्त कर्मचारी उपलब्ध हों। यह कर्मचारी यूनीफॉर्म में होंगे और उन्हें अपना आईडी कार्ड हमेशा गले में लटकाना होगा। एसएफएम रेलवे को लीज प्रीमियम का भुगतान करेगा, यह लीज 45 साल के लिए होगी। एसएफएम कॉमर्शियल यूजर्स से लाइसेंस फीस वसूलेगा। इसके अलावा रेलवे मंत्रालय ने अपनी दो प्रोडक्शन यूनिट वाराणसी स्थित डीजल लोकोमोटिव वर्कर्स (डीएलडब्ल्यू) और कपूरथला स्थित रेल कोच फैक्ट्री (आरसीएफ) को भी निजी हाथों में सौंपने का निर्णय लिया है। यहां काम करने वाले मौजूदा कर्मचारियों का भी ट्रांसफर किया जाएगा।

एमओयू होना हुआ शुरू

इस लिस्ट में अलग-अलग स्टेशन के टेंडर खुलने की अंतिम तारीख दी गई है। जिस स्टेशन की अंतिम तारीख पर टेंडर खुल चुके हैं और विजेता एसएफएम फाइनल हो चुका है, उनके साथ रेलवे मंत्रालय ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करना शुरू कर दिया है। ऐसा पहला समझौता भोपाल के हबीबगंज स्टेशन के लिए बंसल कंस्ट्रक्शन वर्कर्स और प्रकाश असफाल्टिंग एंड टोल हाईवे (इंडिया) लिमिटेड के कंसोर्टियम के साथ किया है।

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