प्राइवेट कंपनियां मुफ्त में चमकाएंगी ट्रेन कोच

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बदले में रेलवे देगा कमाई का हिस्सा

नई दिल्ली, हींग लगे ना फिटकरी, रंग चोखा हो जाय, अब इंडियन रेलवे भी इसी कहावत को चरितार्थ करते हुए मुफ्त में अपनी ट्रेनों का रेनॉवेशन कराने की तैयारी में है। रेलवे अब जिस नए मॉडल पर काम कर रही है, उसके तहत वह अपनी ट्रेनों का रेनॉवेशन कराने के लिए प्राइवेट कंपनियों का चयन करेगी और जब ट्रेन अपग्रेड हो जाएगी तो उससे बढऩे वाली आमदनी में रेनॉवेट करने वाली कंपनी को हिस्सा दे देगी। इससे ट्रेनों को अपग्रेड करने के लिए रेलवे को अपनी जेब से एक पैसा भी खर्च नहीं करना पड़ेगा और बाद में जब कर्ज चुकाने की बारी आएगी तो वह भी किराए से होने वाली आमदनी से ही अदा किया जाएगा। रेलवे ने यह मॉडल रेलमंत्री सुरेश प्रभु के सुझाव पर शुरू करने की तैयारी की है। रेलमंत्री ने पिछले हफ्ते हुई रेलवे बोर्ड की बैठक में ही रेल अधिकारियों को यह सुझाव दिया था। उनका कहना था कि इस मॉडल से भारतीय कंपनियों को भी फायदा होगा, क्योंकि उनके लिए यह सुनिश्चित हो जाएगा कि वे जितनी क्षमता का प्लांट लगाएंगी, उतनी ही ट्रेनें उन्हें रेनोवेशन के लिए मिलेंगी।

खर्च उठाएंगी निजी कंपनियां : रेलवे का कहना है कि दरअसल, यह मॉडल सबसे अलग है। इससे न सिर्फ रेलवे, बल्कि प्राइवेट कंपनियों को भी फायदा होगा और यात्रियों को भी ज्यादा सुविधाएं मिलेंगी। अधिकारियों का कहना है कि अगर अभी रेलवे के किसी कोच का रेनॉवेशन किया जाए या फिर उसे अपग्रेड किया जाए तो उसपर लगभग 50 लाख रुपये तक का खर्च आता है। ऐसे में सभी कोच रेलवे अपनी जेब से पैसा खर्च करके रेनॉवेट कराए, यह फिलहाल संभव नहीं है। इसके अलावा यह भी समस्या है कि रेलवे की वर्कशॉप में इतनी क्षमता नहीं है कि सभी ट्रेनें वह अपग्रेड कर सके। इस काम के लिए रेलवे प्राइवेट सेक्टर की मदद ले रही है। ऐसे में हाइवे बनाने जैसा मॉडल यहां भी अपनाया जाएगा, जिस तरह से हाइवे बनाने के लिए प्राइवेट कंपनियां पैसा लगाती हैं और बाद में वे टोल के रूप में एक तय अवधि तक पैसा वसूलती हैं, वही मॉडल यहां भी लागू होगा। यहां फर्क सिर्फ इतना होगा कि ट्रेन अपग्रेड करने वाली कंपनी यात्रियों से पैसा नहीं वसूल पाएगी, बल्कि रेलवे कुछ किराया बढ़ाएगा और बढ़े हुए किराए में से प्राइवेट कंपनियों को हिस्सा मिलेगा।

सुविधाएं ज्यादा तो किराया भी होगा ज्यादा : रेलवे ने हाल में देखा है कि उसकी तेजस, महामना जैसी ट्रेनों को ज्यादा किराए के बावजूद लोग पसंद कर रहे हैं, क्योंकि उनमें सुविधाएं ज्यादा दी गई हैं। इसी तरह से अपग्रेड ट्रेनें जब आएंगी तो उनमें भी रेलवे सामान्य किराए से 10 से 15 फीसदी तक बढ़ाकर लेगा। इस बढ़ी हुई राशि में से ही एक हिस्सा ट्रेन अपग्रेड करने वाली कंपनी को एक तय समय सीमा तक मिलता रहेगा। रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने एनबीटी से कहा कि उनके सुझाए इस मॉडल पर काम शुरू हो चुका है और जल्द ही इस बारे में औपचारिक फैसला लेकर रेलवे इस दिशा में काम करेगा। इससे भारतीय कंपनियों को भी आगे बढऩे का मौका मिलेगा। हालांकि, अभी इस तरह के काम में ज्यादा कंपनियां नहीं हैं, लेकिन जब यह तय हो जाएगा कि बड़ी संख्या में ट्रेनें अपग्रेड होनी हैं तो जाहिर है कि और कंपनियां भी इस सेक्टर में आएंगी।

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