ट्रेन दुर्घटना रोकने की भारतीय रेलवे की नई पहल

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दो दिन शिविर में रहेंगे वरिष्ठ अधिकारी

रेलवे दुर्घटना को रोकने के लिए भारतीय रेलवे ने एक नया कदम उठाने जा रही है। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी चल रहे सुरक्षा कार्यों के उचित निष्पादन के लिए उन क्षेत्रों में दो दिनों के लिए शिविर में रहेंगे। पिछले महीने एक पत्र में रेलवे बोर्ड ने निर्देश दिया था कि सिविल इंजीनियरिंग विभाग के वरिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड (एसएजी) के अधिकारी नामांकित होंगे और उन्हें एक डिवीजन आवंटित किया जाएगा, जहां वे सुरक्षा संबंधी कार्यों जिसमें ट्रैक नवीकरण, पुल पुनर्वास, प्लेटफार्मों को बढ़ाने और ट्रैक रखरखाव कार्यों का संचालन करेंगे।

पत्र के अनुसार नामित अधिकारियों को नियमित रूप से कार्यों के नियोजन और निष्पादन में आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए विभाजन का दौरा करना होगा। इन अधिकारियों को शुरू में एक सप्ताह के लिए आवंटित डिवीजन में शिविर के लिए निर्देशित किया जा सकता है और उसके बाद मार्च 2018 के अंत तक कम से कम दो दिन हर आवंटित डिवीजन का दौरा करना होगा। एसएजी आमतौर पर कम से कम संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी हैं, जो रेलवे में औसतन 23 साल से कार्यरत हैं।

अगले वित्तीय वर्ष में भारतीय रेलवे ने 10,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर आठ हजार किलोमीटर पुराने और क्षीणित लाइनों को बदलने का लक्ष्य रखा है और सुरक्षा को सुधारने के लिए पूरे सिग्नल नेटवर्क को ओवरहालिंग किया है। अधिकारियों का कहना है कि इससे अगले दो वर्षों में 50′ तक की पटरी पर से रेल उतरने की संख्या कम हो जाएगी।

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