हादसे के कारण ट्रैक जाम, 76 ट्रेनें प्रभावित
जयपुर–गंगानगर में सूरतगढ़ के पास बठिंडा–जोधपुर एक्सप्रेस ट्रेन 19 नवम्बर को पटरी से उतरने से हादसा हो गया है। यह हादसा कानपूर रेल हादसे के महज एक दिन पहले ही हुआ, इस हादसे में 10 लोगों को चोटें आई हैं। ट्रेन के डिब्बे अस्त–व्यस्त हो गए हैं। ट्रैक जाम हो गया है। इसे दूर करने के लिए जयपुर से रिलीफ ट्रेन मौके पर पहुंच चुकी है।
पंजाब के बठिंडा से जाेधपुर जाने वाली एक्सप्रेस ट्रेन के रात करीब 2:25 बजे 9 डिब्बे पटरी से उतरकर इधर–उधर हो गए। इनमें इंजन भी डी–रेल हो गया। ट्रेन का नंबर 54703 है। इस हादसे में करीब 10 लोग जख्मी हुए हैं। इनके इलाज राजियासर और अर्जुनसर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर किया जा रहा है। ट्रेन में जब लोग सो रहे थे, उसी दौरान जोर के झटकों से लोगों की नींद उड़ गई और चीख–पुकार मच गई।गनीमत रही कि कोई कैजुअल्टी नहीं हुई। कुछ लोग केवल जख्मी हुए।हादसा गंगानगर में सूरतगढ़ के नजदीक राजियासर और अर्जुनसर रेलवे स्टेशन के बीच हुआ। जहां तड़के तक कोई राहत नहीं पहुंच पाई, लेकिन अब रेलवे के अफसर और कर्मचारी मौके पर पहुंच चुके हैं।इसके अलावा जयपुर से रिलीफ ट्रेन भी मौके पर पहुंच गई है।
इस ट्रेन हादसे के कारण ट्रैक पर जाम लग गया है। इसके कारण 7 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। इनमें दो 3 ट्रेन पूरी तरह रद्द कर दी गई हैं और चार को डायवर्ट किया गया है।यह जानकारी रेलवे के सीपीआरओ तरुण जैन ने दी है।जैन के अनुसार अवध–आगरा ट्रेन, जम्मूतवी–अहमदाबाद, कोटा–गंगानगर ट्रेन, सूरतगढ़ जयपुर पैसेंजर ट्रेनों को डायवर्ट और रद्द किया गया है। इनमें ट्रेन नंबर 19223 अहमदाबाद जम्मूतवी एक्सप्रेस को बीकानेर, सादुलपुर, हनुमानगढ़ के रास्ते डायवर्ट किया गया है।वहीं ट्रेन 22981 कोटा–गंगानगर को सार्दुलपुर के रास्ते डायवर्ट किया गया है। जैन के अनुसार ट्रैक जाम होने के कारण 10 लोग जख्मी हुए हैं, जिनमें ज्यादातर महिलाएं हैं।उनकी हालत गंभीर नहीं है और उन्हें प्राथमिक उपचार दे दिया गया है।
घटना के बाद ट्रेन में फंसे लोगों को आसपास के ग्रामीणों, सरपंच आदि ने बाहर निकाला। जैसे ही ट्रेन हादसा हुआ, जोर से आवाज हुई। झटका लगा, इससे चीख–पुकार मच गई।आसपास के ग्रामीणों को शोर सुनाई दिया तो वे दौड़कर मौके पर पहुंचे। मौके पर उन्होंने कुछ अन्य यात्रियों के सहयोग से सभी फंसे यात्रियों को ट्रेन से बाहर निकाला।इसके बाद पुलिस और रेलवे के अधिकारियों के सहयोग से बसो के माध्यम से संबंधित स्टेशनों की ओर रवाना किया।