आईसीसी विश्व कप में टीम इंडिया को सेमीफाइनल मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ हार झेलनी पड़ी। इस हार के बाद पूर्व क्रिकेटरों ने कहा है कि महेंद्र सिंह धोनी को सातवें नंबर पर भेजना, बहुत बड़ी गलती थी। धोनी को बैटिंग ऑर्डर में दिनेश कार्तिक, ऋषभ पंत और हार्दिक पांड्या के आउट होने के बाद भेजा गया।
हार्दिक पांड्या और दिनेश कार्तिक को धोनी से पहले भेजा गया जबकि टॉप ऑर्डर बुरी तरह लडख़ड़ा गया था। आखिर में भारत इस मैच में 18 रन से हार गया। लक्ष्मण ने कहा, धोनी को पांड्या से पहले बल्लेबाजी के लिए आना चाहिए था। ये रणनीतिक चूक थी। धोनी को दिनेश कार्तिक से पहले भेजा जाना चाहिए था। विश्व कप 2011 के फाइनल में भी वो खुद युवराज सिंह से ऊपर चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आए थे और विश्व कप जीतने में सफल रहे। पूर्व कप्तान गांगुली ने कहा कि केवल धोनी की बल्लेबाजी ही नहीं बल्कि दूसरे छोर से युवा बल्लेबाजों पर उनकी शांतचितता का भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता। ऋषभ पंत ने अपना विकेट ईनाम में दिया जिससे कप्तान विराट कोहली भी बेहद खफा थे और उन्हें कोच रवि शास्त्री के साथ बात करते देखा गया। गांगुली ने कहा, भारत को उस समय अनुभव की जरूरत थी। जब पंत बल्लेबाजी कर रहा था अगर तब धोनी होते तो वो पंत को वो शॉट नहीं खेलने देते। धोनी को ऊपरी क्रम में खेलना चाहिए था। आपको तब केवल बल्लेबाजी ही नहीं संयम की भी जरूरत पड़ती है। वो विकेटों का पतझड़ नहीं लगने देते। जब जडेजा खेल रहे थे तो धोनी वहां थे। बातचीत से बल्लेबाजी मजबूत हो जाती है। धोनी को सातवें नंबर पर नहीं उतारा जा सकता था।
दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने भी स्वीकार किया कि कप्तान विराट कोहली ने धोनी को ऊपरी क्रम में उतारकर गलती की। उन्होंने कहा, यहां सवाल उठ सकता है कि इस तरह की विषम परिस्थिति में क्या आप धोनी को उनके अनुभव को देखकर ऊपरी क्रम में नहीं भेजा जाना चाहिए था। पारी के आखिर में वो जडेजा को समझाते रहे और उन्होंने चीजों पर कंट्रोल रखा।