अपना माल ढोने पर जीएसटी नहीं देगा रेलवे

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कामकाज चलाने के लिए पूंजी की किल्लत से जूझ रहे रेलवे के लिए अच्छी खबर है। रेलवे अपने इस्तेमाल के एक राज्य से दूसरे राज्य तक या एक ही राज्य के भीतर एक स्थान से दूसरे स्थान तक जो माल ले जाएगा, उसकी ढुलाई पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) नहीं लगेगा। रेलवे के लिए यह बड़ी राहत है क्योंकि माना जाता है कि हर साल यह करीब 20,000 करोड़ रुपये का माल अपने लिए ढोता है।
रेलवे ने इस बारे में एक अधिसूचना जारी की, जिसमें इसने फील्ड यूनिट को निर्देश दिया कि वस्तु/भंडार के एक राज्य/केंद्र शासित राज्य से दूसरे राज्य/केंद्र शासित के बीच परिवहन रियायती गतिविधि मानी जाएगी, यानी इन पर जीएसटी नहीं लगेगा। विशेषज्ञों के अनुसार जीएसटी अधिनियम में अधिकार के स्थानांतरण (केंद्र सरकार, राज्य सरकार, केंद्र शासित या स्थानीय प्रशासन से समान सरकारी इकाइयों को) नहीं होने की शर्त पर राज्यों के बीच और राज्य के भीतर उपरक रणों/वस्तु आदि के स्थानांतरण पर कर छूट का प्रावधान है।
डेलॉयट हास्किंस ऐंड सेल्स की वरिष्ठ निदेशक सलोनी रॉय कहती हैं कि ऐसे उपकरणों की आवाजाही सीजीएसटी अधिनियम की अनुसूची 2 के उपखंड 1 (बी) के तहत सेवा की श्रेणी में आता है। इससे दिक्कत हो सकती है। जीएसटी के जानकरों का कहना है कि रेलवे का यह दावा कि वस्तु का स्थानांतरण सेवा के दायरे में आता है, विवाद को जन्म दे सकता है।
केपीएमजी इंडिया में पार्टनर एवं हेड (इन्डायरेक्ट टैक्स) सचिन मेनन कहते हैं, जरूरी नहीं है कि दो राज्यों में मौजूद शाखाओं के बीच आपूर्ति को वस्तु के अधिकार के स्थानांतरण के तौर पर (जिसे सेवा परिभाषित किया गया है) स्वीकार किया जाए। इसके वस्तु के स्थानांतरण के तौर पर स्वीकार किए जाने की संभावना अधिक है। स्थानांतरण वस्तु के तौर पर वर्गीकृत होने की स्थिति में कोई रियायत नहीं दी जाएगी।
हालांकि रॉय ने कहा कि ऐसी रियायत खास तौर पर सरकारी एजेंसियों के बीच सेवाओं को दी गई हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर रेलवे की दलील मान ली जाती है तो स्व-उपभोग के लिए सभी अंतर-राज्यीय स्थानांतरण सरकार और स्थानीय निकायों के बीच आपूर्ति की स्थिति में रियायत के हकदार होंगे। इस साल जून में रेल मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय और जीएसटी परिषद से आग्रह किया था कि जीएसटी के मकसद से एकीकृत इकाई समझी जाए क्योंकि नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में इसे अपने 17 क्षेत्रों या 73 मंडलों में से हरेक को सभी राज्यों में पंजीकृत कराना होगा। रेलवे के पूर्व वित्त आयुक्त आर शिवदासन ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों और मंडलों में विभाजित होने की पेचीदा संरचना के बावजूद रेलवे ने जीएसटी प्रणाली पूरी तरह आत्मसात किया है। उन्होंने कहा, ालाना आधार पर यह रियायत रेलवे के लिए एक बड़ी राहत साबित होगी। इस साल के शुरू में रेलवे ने जीएसटी क्रियान्वयन पर सलाह लेने के लिए विधि कंपनी लक्ष्मीकुमारन ऐंड श्रीधरन की सेवा ली थी।

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