नई दिल्ली, 1 जुलाई से रेलवे में कुछ बदलाव को लेकर चल रही खबरों को रेल मंत्रालय ने सिरे से खारिज कर दिया है. एक दिन पहले मीडिया रिपोर्ट के हवाले से ऐसी खबरें थीं कि रेलवे तत्काल टिकट कैंसिल करवाने पर आधे पैसे वापस करेगा और वेटिंग टिकट जारी करना बंद कर देगा. इसके अलावा कुछ अन्य सेवाओं में भी बदलाव की बातें मीडिया में छपीं. अब रेल मंत्रालय ने एक बयान जारी कर इन खबरों का खंडन किया है.
इन बिंदुओं में रेलवे का पूरा बयान
1 जुलाई 2017 से कोई नया बदलाव नहीं किया जा रहा है. भारतीय रेल भी अन्य विभागों की तरह 1 जुलाई 2017 से जीएसटी लागू कर रहा है.
भारतीय रेल प्रतीक्षासूची टिकटों को ऑनलाइन (ई-टिकट) और पीआरएस काउंटर दोनों के जरिये बेचेगा. इस योजना में कोई भी बदलाव नहीं किया है और रेलवे प्रतीक्षासूची टिकटों को ऑनलाइन (ई-टिकट) और पीआरएस काउंटर दोनों के जरिये बेचना जारी रखेगा.
जुलाई 2015 से रेलवे सुविधा क्लास ट्रेनों को चला रहा है और ये ट्रेनें चलती रहेंगी. इन ट्रेनों की प्रतीक्षासूची टिकट हमेशा उपलब्ध है. इस योजना में सुविधा ट्रेन टिकटों पर शुरू से ही आंशिक वापसी का प्रावधान है. अत: इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है.
नवंबर 2015 में भारतीय रेल ने नए किराया वापसी नियमों को अधिसूचित किया था. ये नियम जारी रहेंगे और इनमें कोई बदलाव नहीं किया है.
राजधानी और शताब्दी ट्रेनों में किसी भी श्रेणी की पेपर टिकटों को समाप्त करने का कोई प्रस्ताव नहीं है. हालांकि, जो यात्री ऑनलाइन टिकट (ई-टिकट) बुक करते हैं, उन्हें टिकट बुकिंग का मैसेज और मान्य पहचान का प्रमाण पत्र के साथ यात्रा करनी चाहिए. 2015 से एसी श्रेणी की तत्काल टिकटों की बुकिंग का समय बदलकर सुबह 11 बजे और गैर एसी श्रेणी के लिए सुबह 10 बजे किया गया था. यात्रा की तारीख के अलावे अग्रिम टिकट लेने के समय में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है और पुरानी व्यवस्था जारी रहेगी.
तत्काल टिकटों के किराया वापसी नियमों में भी बदलाव नहीं किया गया है. नियमों के तहत, कन्फर्म तत्काल टिकट/डुप्लीकेट तत्काल टिकट को रद्द करने पर कोई किराया वापसी नहीं होगी.
रेलवे पहले से ही गंतव्य चेतावनी सुविधा के लिए हेल्पलाइन नंबर 139 चला रही है. इसके अलावा, कुछ राजधानी और शताब्दी ट्रेनों में भी गंतव्य चेतावनी सेवा 11:00 पूर्वाह्न से 6.00 पूर्वाह्न बजे के बीच पायलट आधार पर शुरू की गई थी. इस सुविधा में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है.
भारतीय रेल की टिकटों में छूट के लिए आधार को अनिवार्य बनाने संबंधी कोई प्रस्ताव नहीं है.
क्षेत्रीय भाषाओं में टिकटों की प्रिटिंग (ई-टिकट और पीआरएस दोनों) के लिए भी कोई प्रस्ताव नहीं है.