इंडियन रेलवे जल्द अपनी सबसे खराब और सबसे अच्छे प्रदर्शन वाली रेलगाडिय़ों और रेलवे क्षेत्रों की लिस्ट जारी करना शुरू करेगा। रेलवे की इस कवायद का मकसद संगठन में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देकर सेवाओं के स्तर में सुधार लाना है। रेलवे क्षेत्रों और रेलगाडिय़ों को सफाई और वक्त की पाबंदी जैसे मानकों की कसौटी पर कसा जाएगा। ये दो मसले अरसे से भारतीय रेल के लिए सबसे बड़े सिरदर्द बने हुए हैं। ईटी को यह बात रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताई है।
यह अभियान 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय रेल के प्रदर्शन का कायापलट करने की रेल मंत्री पीयूष गोयल की कोशिशों का हिस्सा है। इस अभियान के तहत रेलगाडिय़ों के पटरी से उतरने और दूसरी घटनाओं में कम से 50 पर्सेंट की कमी लाना है। एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि हर रेलवे क्षेत्र में नीचे और ऊपर से 10-10 रेलगाडिय़ों की सूची बनाई जाएगी। भारतीय रेल 17 रेलवे क्षेत्रों में बंटा है और इन रेलवे क्षेत्रों को उप-क्षेत्रों में बांटा गया है।
उन्होंने बताया, साफ-सफाई और माहौल, डिब्बों के स्तर और रेलगाडिय़ों की वक्त की पाबंदी के हिसाब से सूची तैयार की जाएगी। रेल मंत्री ने इसके लिए पहले से ही निगरानी दल बना लिया है। रेलगाडिय़ों और रेलवे क्षेत्रों से संबंधित हर जानकारी सार्वजनिक की जाएगी।’ भारतीय रेल ने यात्रियों के लिए एक मोबाइल ऐप्लिकेशन तैयार करने की योजना बनाई है जिनमें इन रेलगाडिय़ों और रेलवे क्षेत्रों की जानकारी होगी। इस सूची को नियमित रूप से अपडेट किया जाएगा।
भारतीय रेल के पटरियों की सुरक्षा और उनकी मरम्मत की प्राथमिकताओं पर खास ध्यान देने के चलते उसके कामकाज पर बुरा असर हुआ है। रेलगाडिय़ों की वक्त की पाबंदी का स्तर 77-80 पर्सेंट के स्तर से गिरकर लगभग 70 पर्सेंट के स्तर पर आ गया है। गोयल ने रेल अधिकारियों से मरम्मत और रखरखाव का काम जल्द से जल्द निपटाने और रेलगाडिय़ों की समय की पाबंदी को कम से कम 95 पर्सेंट के स्तर पर लाने के लिए कहा है।
आधिकारिक सूत्र ने कहा, रेलवे बोर्ड में सेवाओं के स्तर में तुरंत सुधार लाने पर खास ध्यान दिया जा रहा है। हम एसएमएस जरिए पहले से यात्रियों को रियल टाइम बेसिस पर अपडेट मुहैया करा रहे हैं कि कौन सी ट्रेन लेट चल रही है और उसके लेट चलने की वजह भी बता रहे हैं। रेल मंत्री चाहते हैं कि रेलवे में कामकाज पारदर्शी तरीके से हो। रेलवे स्वर्ण परियोजना के तहत कुल 25 करोड़ रुपये की लागत से 30 प्रीमियम ट्रेनों 15 शताब्दी और इतनी ही राजधानी रेल का रिनोवेशन कराने में जुटा है। पूर्व रेल मंत्री सुरेश प्रभु के कार्यकाल में शुरू हुई इस परियोजना के तहत इन ट्रेनों को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा। ये ट्रेने स्वर्ण रेल नाम से जानी जाएंगी।