वीआईपी कल्चर खत्म करने की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाते हुए रेलवे ने फैसला किया है कि अब उनके आधिकारिक कार्यक्रमों में अतिथियों को किसी तरह के गुलदस्ते भेंट नहीं किए जाएंगे। अब रेलवे के अफसरों को नए साल और दिवाली पर प्रिंटेड ग्रीटिंग कार्ड भी भेजने की इजाजत नहीं होगी। अगर वे किसी को शुभकामनाएं देना चाहते हैं तो ईमेल या फिर एसएमएस के जरिए भेज सकेंगे। इंडियन रेलवे के सूत्रों का कहना है कि इस नए कदम से ही रेलवे को भारी भरकम बचत होगी। अब तक रेलवे के कार्यक्रमों में बड़े पैमाने पर गुलदस्ते मंगाए जाते हैं लेकिन अतिथियों के हवाले करने के फौरन बाद वे बेकार हो जाते हैं। इससे पहले रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने अपना कार्यभार संभालते ही आदेश जारी किए थे कि उनके लिए कोई गुलदस्ता लेकर न आए।
रेलवे सूत्रों के मुताबिक, हर साल इस तरह के कार्यक्रम बड़ी संख्या में होते हैं। ऐसे कार्यक्रमों में लाखों रुपये के गुलदस्ते खरीदे जाते हैं लेकिन उनका कुछ मिनट के बाद कोई इस्तेमाल नहीं होता। रेलवे के एक सीनियर अफसर के मुताबिक, कई बार तो ऐसे बुके या गुलदस्ते खरीदने पर ही हजारों-लाखों रुपये खर्च हो जाते हैं। इसलिए अब बाकायदा आदेश जारी करके इस तरह के गुलदस्तों के लेन-देन पर रोक लगा दी है। इस बारे में रेलवे के डिविजन और जोनल स्तर के अलावा रेलवे से जुड़े सभी संस्थानों के लिए मंगलवार को रेलवे बोर्ड की ओर से आदेश जारी कर दिया गया।