लोकल तेल से बना खाना बिक रहा था रेलवे स्टेशन में

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बिलासपुर, यात्रियों को मिलने वाली खाद्य सामग्री की कैग रिपोर्ट आने के बाद रेल अधिकारी अलर्ट हो गए हैं। ट्रेनों और स्टेशन में मिलने वाले खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता सुधारने के लिए रेलवे ने विशेष अभियान चलाया है। इसके तहत लगातार स्टेशन में खाद्य सामग्री की गुणवत्ता को परखा जाएगा।
बुधवार को जोन कार्यालय से आए डिप्टी सीसीएम (पीएम) केवीआर मूर्ति ने बिलासपुर रेलवे स्टेशन के कमसम फूड प्लाजा और जनआहार केंद्र का औचक निरीक्षण कर वहां की खाद्य सामग्री व किचन को देखा। कमसम में अधिकारियों को बगैर डेट का लोकल सोयाबीन ऑयल मिला। उस पर न तो उसकी मैन्यूफेक्चरिंग डेट थी और न ही एक्सपायरी डेट थी। तेल के पैकेट में एमआरपी, बेच नंबर व पैकेट नंबर भी नहीं था। उन्होंने कमसम के संचालक को फटकार लगाते हुए खाद्य सामग्री की गुणवत्ता को सुधारने के निर्देश दिए। वहीं जनआहार केंद्र में मिलने वाली पूड़ी के पैकेट में पूड़ी में तेल की मात्रा अधिक होने पर उन्होंने कम आयली फूड रखने को कहा। दोपहर करीब साढ़े बारह बजे डिप्टी सीसीएम पैसेंजर मार्केटिंग फूड इंस्पेक्टर के साथ अचानक स्टेशन पहुंचे। स्टेशन में वह करीब डेढ़ घंटे तक रुके, जहां उन्होंने बड़ी ही बारीकी से खाद्य सामग्री व किचन को देखा।
तेल की जांच के आदेश
तेल के पैकेट में दर्ज कस्टमर केयर का नंबर डायल कर अधिकारियों ने फोन किया तो वह पैकेट में दर्ज कंपनी के नाम व पते पर न लगकर दूसरी कंपनी के पते पर लगा। सीसीएम ने पैकेट को अलग करवा दिया। उन्होंने तत्काल ही फूड प्लाजा को नियंत्रित करने वाली आईआरसीटीसी के अधिकारियों को इसकी जांच कर रिपोर्ट देने को कहा। इसके बाद वह जनआहार केंद्र में गए जहां पैसेंजरों के 15 रुपए में दिए जाने वाली पूड़ी-सब्जी के पैकेट को खोलकर देखा तो उसमें बड़ी मात्रा में तेल दिखा।
चलेगा निरीक्षण
रेलवे में यात्रियों को दिए जाने वाले खाने की गुणवत्ता पर असंतोष जताने के बाद रेलवे ने देशभर के सभी स्टेशनों व ट्रेनों के पेेट्रीकार मे मिलने वाले खाने का अभियान चलाकर निरीक्षण करने का निर्णय लिया है, जिसके तहत यह कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। वहीं दूसरी ओर रेलवे ने अपने खाने की व्यवस्था को भी बदलने का निर्णय लिया है।

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