देशभर में रेलवे की केटरिंग व्यवस्था कमर्शियल विभाग के अधीन है। इसके प्रमुख मुख्य वाणिज्य प्रबंधक यानि सीसीएम होते हैं। दो दिन पहले रेलवे बोर्ड ने रेलवे की खान-पान व्यवस्था दुरूस्त करने का निर्णय लेकर सभी जोन प्रबंधकों के लिए फरमान जारी किया है। इस पर अमल करने से पहले इसकी रूपरेखा तैयार करने देश भर के सीसीएम को दिल्ली बुलाया गया है। रेल मंत्रालय में 28 जुलाई को देशभर की केटरिंग व्यवस्था सुधारने के लिए बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक को रेलमंत्री सुरेश प्रभु संबोधित किया। रेलवे में केटरिंग व्यवस्था कमर्शियल विभाग के अधीन है व इसके प्रमुख जोन में मुख्य वाणिज्य प्रबंधक होते हैं। इसलिए उन्हें बुलवाया गया है। बैठक में केटरिंग पालिसी तय की गई। केटरिंग व्यवस्था को कैसे सुधारा जाए, इस पर चर्चा की गई। रेलवे में खान पान की व्यवस्था अत्यंत ही लचर है। ट्रेनों के पेंट्रीकार हों या फिर कैटरिंग सर्विस वाला। खाने की क्वालिटी निम्न दर्जे की है। रेलवे ने इसे अमानक स्तर का माना है। भोजन तैयार करने में जिस सामग्री का उपयोग होता है। उसकी क्वालिटी को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। कुल मिलाकर ट्रेन में यात्रियों को शुद्ध भोजन मिले, यही सरकार की मंशा है। कैग की रिपोर्ट ने रेल मंत्रालय को हिलाकर रख दिया है। रेल मंत्री इससे खासे नाराज हैं। इसलिए उन्होंने केटरिंग से संबंधित विभाग के अफसरों को दिल्ली बुलवा लिया था ताकि सीधे उनसे ही रूबरू होकर स्थिति बताई जाए और सुधार का रास्ता निकाला जाए। हालांकि रेल मंत्रालय ने एक आदेश जारी कर आगामी 21 दिन तक लगातार जांच करने के निर्देश दिए हैं। सीसीएम शिवराज सिंह ने बिलासपुर रेलवे जोन के बिलासपुर, रायपुर और नागपुर रेल मंडल के डीआरएम को पत्र लिखकर केटरिंग व्यवस्था के संबंध में बोर्ड से दिए निर्देश का अक्षरश: पालन करने और प्रतिदिन की गई कार्रवाई की रिपोर्ट सीसीएम को भेजने कहा है। जिस तरह से आदेश हैं उसी तरह से काम करने के लिए कहा गया है।