– अमित भटनागर, उपाध्यक्ष
परेल वर्कशॉप बेंचने की साजिश फिर से गरमा रही है। आपको याद होगा कि सेंट्रल रेलवे के जनरल मैनेजर श्री डी.के. शर्मा जी ने एक लेटर निकाल करके परेल वर्कशॉप के नाम एक फरमान निकाला था जिसमें दिसंबर २०१८ तक परेल वर्कशॉप का काम दूसरी जगहों पर भेजकर परेल वर्कशॉप खत्म करने के संकेत थे। सीआरएमएस ने तुरंत इसका विरोध किया और जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किए। रेलवे बोर्ड में भी अध्यक्ष डॉ. आर.पी. भटनागर ने आवाज उठाई और डॉ. एम. राघवैय्या, महामंत्री एनएफआईआर द्वारा परेल वर्कशॉप खत्म करने का जोरदार और असरदार तरीके से हर स्तर पर विरोध किया गया।
नतीजा यह निकला कि जो परेल वर्कशॉप दिसंबर २०१८ तक बंद करने की बात की जा रही थी वह आज भी शान से अपनी जगह खड़ा है और वहां की इस्किल्ड लेबर के साथ – साथ सभी रेलकर्मचारी तथा अधिकारी आज भी पहले की तरह से कार्यरत हैं।
साथियों आप जानते हैं कि परेल वर्कशॉप १८७९ में स्थापित किया गया एक ऐसा वर्कशॉप है जहां हर काम संभव है और जिसको कई एवार्ड मिल चुके हैं।
यहां पर कुछ बिंदु ध्यान देने योग्य हैं :-
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- 1. जब सीएसएमटी में टर्मिनस है, वाडीबंदर में जगह है, दादर में टर्मिनस है, कुर्ला में टर्मिनस है, ट्रॉम्बे में जगह है, ठाकुर्ली इत्यादि में जगह है तो फिर परेल वर्कशॉप हटाकर ऐसी कौन सी आवश्यकता आ पड़ी कि करोड़ों रुपए खर्च करके एक और टर्मिनस बनाना पड़ रहा है वो भी किलोमीटर के दायरे में। हमारा प्रशासन को सुझाव है कि परेल वर्कशॉप खत्म न करके इस पैसे को अगर मुंबई सिटी से बाहर की तरफ खर्च किया जाए और एक व्यवस्थित टर्मिनस बनाया जाए तो यात्रियों के लिए ज्यादा उपयोगी होगा।
- 2. परेल वर्कशॉप में १४० टन क्रेन ओवरहॉलिंग, नेरोगेज लोकोमोटिव, रूरुक्र कोचेस और रु॥क्च कोचेस की मरम्मत एवं रखरखाव जैसे अति महत्वपूर्ण कार्य होते हैं जिन्हें और विकसित किया जा सकता है जो शायद संपूर्ण भारतीय रेलवे में मिसाल हो सकती है। तो फिर इन सब चीजों को ताक पर रखकर जहां कि टर्मिनस के लिए पर्याप्त जगह भी नहीं है तो वहां परेल वर्कशॉप की जगह टर्मिनस लाने की उत्सुकता क्यों? रेलवे के फायदे को ताक पर क्यों रखा जा रहा है।
- 3. परेल आज एक मंहगी जगह में गिना जाता है, इसे मुंबई का केंद्र माना जाता है, यहां कई कार्पोरेट कंपनियां अपना ऑफिस खोल चुकी हैं तो कहीं प्रशासन की उत्सुकता टर्मिनस के नाम पर परेल वर्कशॉप खत्म करके इसे व्यापार का केंद्र तो नहीं बनाना चाह रहीं?
- 4. जिस तरह जमीन के टुकड़े को लेकर करके कुर्ला में टर्मिनस बनाया गया लेकिन उससे निकलने और उस तक पहुंचने के रास्तों पर ध्यान नहीं दिया गया। क्या उसी तरह परेल टर्मिनस की हालत नहीं हो जाएगी?
- 5. परेल वर्कशॉप बंद करके उसकी जगह टर्मिनस बनाकर इतने भीड़-भाड़ वाले इलाके में जहां पांच अस्पताल पहले से ही हैं और आए दिन हजारों मरीज दूर-दूर से आते हैं, उस जगह को और अधिक भीड़-भाड़ वाला बना करके और ट्रैफिक को जाम करके मरीजों के लिए अत्यधिक परेशानी खड़ी करना क्या इंसानियत होगी? क्या इस बारे में किसी का ध्यान गया?
- 6. आज भी लोअर परेल वर्कशॉप में वैगन भेजने के लिए उसे पुणे से अहमदाबाद होते हुए लाया जाता है अथवा इसमें 31 घंटे तक लग जाते हैं। तो क्या परेल वर्कशॉप बंद करके एक और परेल टर्मिनस, सुविधा कम और दुविधा ज्यादा पैदा नहीं करेगा?
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- 7. पहले से ही भीड़-भाड़ वाली जगह पर, पहले से ही वायु प्रदूषण से दूषित जगह पर, तथा ऐसी जगह जहां हजारों मरीज भर्ती हों, पांच अस्पाल हों और हजारों मरीजों का आवागमन हो तथा सेंट्रल से वेस्र्टन और वेस्र्टन से सेंट्रल भारी भीड़ का आवागमन हो तथा जहां इसी वजह से एल्फिंटन स्टेशन पर एक बड़ा हादसा हुआ हो जहां कई लोगों ने अपनी जान गवांई हो वहां परेल वर्कशॉप खत्म करके परेल टर्मिनस को लाना किस समझदार इंसान की समझदारी हो सकती है?