डॉ. आर.पी. भटनागर,
प्रिय साथियों, 73 वीं स्वतन्त्रता दिवस के शुभ अवसर पर मैं राजेंद्र प्रसाद भटनागर, अध्यक्ष, सेन्ट्रल रेलवे मजदूर संघ अपनी और मजदूर संघ की ओर से सभी प्यारे रेल कर्मचारियों को आदर सहित शुभकामनायें देता हूँ। भारतवासियों के लिये 15 अगस्त का दिन सबसे बडे उत्सव, त्योहार का दिन है, खुशी का दिन है। 15 अगस्त 1947 के दिन जितनी खुशी का इजहार भारत के नागरिकों ने प्रदर्शित किया था वह देखते ही बनता था। क्यों न हो कितने भारतवासियों ने हँसते हँसते अपनी जान तक कुर्बान की थी, शहीद हो गये थे। शहीद चंद्रशेखर आझाद, भगतसिंह, अशफाक उल्ला खाँ आदि की कुर्बानियां कभी भुलाई नहीं जा सकती है जो हँसते हँसते फाँसी के फंदे पर झूल गये। सुभाषचंद्र बोस, महात्मा गांधी आदि का बलिदान और त्याग भूलाया नहीं जा सकता। हम सभी लोग इनके हमेशा के लिये ऋणी रहेंगे। आज हमारा कर्तव्य है की, हम अपने राष्ट्र की स्वतन्त्रता कायम रखे, अपना कार्य कुशलता से पूर्ण करें और भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड फेंके। अपने राष्ट्र की उन्नत्ति के लिये हमें अपनी पूरी शक्ति लगानी होगी तभी देश के प्रति हमारी जिम्मेदारी मुकम्मल होगी।
सेन्ट्रल रेलवे मजदूर संघ / नेशनल फेडरेशन ऑफ इण्डियन रेलवे मेन एक रचनात्मक एवं राष्ट्रीयता से ओतप्रोत विश्वासू मजदूर संगठन है जिसने हमेशा से रेल कामगारों की सच्ची सेवा की है। 1964 में दास कमिटी में नेशनल फेडरेशन ऑफ इण्डियन रेलवे मेन ने अपनी शहादत दी और महंगाई भत्ते (DA) का फारमुला बनाया गया जिससे रेल कर्मचारियों का महंगाई भत्ता हर महिने में अपने आप बढ़ जाता है। मियाँ भाई कमीशन (1969) के द्वारा रेलवे कर्मचारियों को अनेकों अवार्ड प्राप्त करायें गये जैसे नाईट ड्यूटी अलाउंस, ओव्हर टाईम अलाउंस एवं ड्यूटी के घंटे निर्धारित किये गये। रेलवे में कई केटेगरिज चौबिसो घंटे कार्य करती थी वह भी RLT की माध्यम से 8 घंटे एवं 12 घंटे करवाई। अब फिर सख्त मांग है की 12-12 घंटे की ड्यूटी शीघ्र समाप्त की जाय और मात्र 8 घंटे से ज्यादा कर्मचारियों को काम न दिया जाय। अशरफ कमिटी (1968) में NFIR ने शहादत देकर माईलेज अलाउंस में भी DA का बल लगाकर उसमें अद्वितीय वृध्दि करवाई। इसके अलावा नेशनल फेडरेशन ऑफ इण्डियन रेलवे मेन ने केडर रिस्ट्रक्चरिंग स्किम से ग्रुप डी एवं ग्रुप सी के कर्मचारियों को अनगिनत लाभ दिलवाये। पे कमिशनों में भी कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करते हुए वेतनमानों में काफी इजाफा हुआ, उच्च वेतन में काफी वृध्दि हुई।
सेन्ट्रल रेलवे के किसी सदस्य की अगर ऑन ड्यूटी दुर्घटना में मृत्यू हो जाती है तो उसे एक लाख रुपये की मद्द की जाती है। कर्मचारियों के बच्चों को कोचिंग क्लासेस में मुफ्त ट्रेनिंग दी जाती है। मजदूरों पर कोई भी संकट आने पर उनके बचाव के लिये हर संभव कदम उठाने को हमेशा तैयार रहती है। छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस की बिल्डींग को म्युझियम बनाने का कड़ा विरोध किया और सीआरएमएस के आंदोलन से इस बिल्डींग का मूल गौरव बनाये रखा। परेल वर्कशाप को बंद करके वहाँ परेल टर्मिनस बनाने के प्रस्ताव का भी सीआरएमएस ने घोर विरोध किया और करती है। इतनी भीड-भाड की जगह में टर्मिनस बनाने का कोई औचित्य नही है। ज्यादातर गाडियां दादर स्टेशन पर खाली हो जाती है। वर्कशाप में जितना आवश्यक काम हो रहा है, अन्य जगह करना रेलवे के रेव्हेन्यु की भारी हानि होगी, रेलवे के हजारों कर्मचारियों को बेघर करना मात्र रेलवे उद्योग के ही नही वरन् देश के प्रगति में भी रुकावट होगी।
रेल कर्मचारी संगठनों पर आज बहुत बडा दायित्व आया है जिसमें रेल के नियमित कार्यों को ठेकेदारों के हाथ देना एवं निजीकरण करना एक बहुत ही हानिकारक मुद्दा है। सरकार द्वारा न्यू पेन्शन स्कीम के बारे में अभी तक कोई कार्रवाई न करना रेल मजदूर संगठनों को सख्त चुनौती है। हमें मजदूर आंदोलन को और अधिक तीव्र करना होगा और अपने अस्तित्व के लिये कड़ा संघर्ष करना होगा। प्रशासन की इन घोर हानिकारक नीतियों से कर्मचारियों का ही नही वरन् रेल उद्योग एवं देश का भी बहुत बडा नुकसान हो सकता है। देश के नेक नागरिकों की जम्मेदारी हो जाती है कि कड़ा संघर्ष कर रेलवे को लूटने की नीतियों को रोका जाय और अपना देश प्रेम स्वतन्त्रता दिवस पर दर्शायें।
साथियों, फिर से मैं सभी को स्वतन्त्रता दिवस की शुभकामनायें देता हूँ और आप से आशा करता करता हूँ की संगठित होकर और अधिक शक्तिशाली बने जिससे अन्याय से लडऩे की ताकत आ जाय और हम अन्याय एवं शोषण का सामना अच्छी तरह कर पाये।
जय हिंद…