CRMS द्वारा संपूर्ण मध्य रेलवे में मनाया विरोध पखवाड़ा

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CRMS के आवाहन पर उत्पादन इकाईयों के निगमीकरण, रेलों के निजीकरण और भायखला प्रिंटिंग प्रेस को बंद करने के खिलाफ 8 जुलाई से लेकर 22 जुलाई 2019 तक संघ के अध्यक्ष डॉ. आर. पी. भटनागर के मार्गदर्शन में मध्य रेलवे के पाँचों मंडलों में भारी विरोध प्रदर्शन किया गया। मोर्चे, द्वार सभाएँ मेन टू मेन कॉन्टेक्ट जैसे कार्यक्रमों की गूँज इस पूरे पखावाड़े में हर तरफ गूँजती रही। रेलकर्मियों ने इस कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। परेल और माटुंगा वर्कशाप में आयोजित द्वार सभाओं में भी पदाधिकारियों ने संबोधित किया। अपने ओजस्वी भाषा शैली में उन्होंने निगमीकरण, निजीकरण और भायखला प्रिंटिंग प्रेस बंद करने के निर्णय को जमकर विरोध किया।

दिनांक 19-07-2019 को भुसावल, नागपुर, सोलापुर और पूना मंड़लों से संबंधित मंड़ल रेल प्रबंधक कार्यालयों के समक्ष प्रचंड मोर्चे निकालकर सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों का जोरदार विरोध दर्ज किया गया। मुंबई मंड़ल में CSMT मुंबई में एक विशाल मोर्चा निकाला गया। मुंबई मंड़ल की सभी शाखाओं से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता CSMT स्थित प्लेटफार्म नंबर 7 और 8 के बीच एकत्र हुए। डॉ. आर. पी. भटनागर के अगुवाई में वहाँ उपस्थित 1000 से भी अधिक रेलकर्मियों ने जोरदार नारे लगाते हुए महाप्रबंधक कार्यालय प्रांगण की ओर प्रस्थान किया। डॉ. प्रवीण बाजपेयी-महामंत्री, श्री अशोक चांगरानी-कार्याध्यक्ष, श्री आर. जी. निंबालकर-कोषाध्यक्ष अन्य मुख्यालय मंडलीय व शाखा पदाधिकारी मोर्चे में शामिल थे। संपूर्ण CSMT क्षेत्र तिरंगामय प्रतीत हो रहा था। सभी प्रतिभागी पूरे जोश के साथ सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों और रेलवे के निजीकरण के खिलाफ गगनभेदी नारे लगाते हुए महाप्रबंधक कार्यालय प्रांगण में पहुँचे। वहाँ पहुँचकर विशाल मोर्चा एक द्वार सभा में तब्दील हो गया। श्री एस. के. दुबे, मुंबई मंडल सचिव ने सभा की कार्यवाई का संचालन किया। सर्वप्रथम डॉ. प्रवीण बाजपेयी ने अपने चिर परिचित जोशीले अंदाज में सभा को संबोधित किया। उन्होंने सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों तथा रेलवे के निजीकरण का कड़ा विरोध दर्ज किया।

उन्होंने कहा कि डॉ. आर. पी. भटनागर के नेतृत्व में CRMS रेलवे में निजीकरण के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का मन बना चुका है कि निजीकरण न तो रेलकर्मियों के हित में है और न ही रेलयात्रियों के हित में है। इससे देश की संप्रभुता को खतरा उत्पन्न हो जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि NPS और सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की विसंगतियों को समाप्त करने के लिए CRMS/NFIR का नेतृत्व पूरी तरह से संघर्षरत है और इस दिशा में कोई भी कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी। उन्होंने सभी रेलकर्मियों से तिरंगे के बैनर तले एकजुट होकर ट्रेड यूनियन मूवमेंट को और अधिक मजबूत करने का आवाहन किया। सभी ने करतल ध्वनि से उनका समर्थन किया। श्री एस. के दुबे के धन्यवाद ज्ञापन के साथ इस प्रभावकारी सभा का समापन हुआ। सभा के उपरांत डॉ. आर.पी. भटनागर जी की अगुवाई ने CRMS का प्रतिनिधी मंडल CPO (R) मध्य रेलवे श्री बी.के. बिहानी से मिला और उन्हें ज्ञापन पत्र सौंपा जिसमें निजीकरण, निगमीकरण और भायखला प्रिटिंग प्रेस बंद करने के निर्णय का कड़ा विरोध दर्ज किया गया।

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