दिसंबर में मनेगा इटारसी महोत्सव

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   शहर की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और सामाजिक धरोहर को नई पहचान देने इटारसी महोत्सव मनाया जाएगा। अपनी इटारसी के बैनर तले इस समारोह की योजना बनाई गई है। दीपावली मिलन समारोह में गुप मेंबर्स ने इस आयोजन की रणनीति बनाई। ठाकुरजी गार्डन में आयोजित बैठक में विस अध्यक्ष डॉ. सीताशरण शर्मा, पूर्व विधायक विजय काकू भाई, पं. गिरिजाशंकर शर्मा, भाजपा नेता पीयूष शर्मा, पूर्व नपाध्यक्ष रवि जायसवाल, विधायक प्रतिनिधि कल्पेश अग्रवाल समेत सदस्यों ने इस आयोजन पर अपने विचार रखे। तय हुआ कि दिसंबर माह में एक दिवसीय इटारसी महोत्सव मनेगा। इसमें खेलकूद एवं रंगारंग गतिविधियों के साथ स्वच्छता अभियान जैसे आयोजन किए जाएंगे। विस अध्यक्ष डॉ. शर्मा ने कहा कि यह आयोजन पूरी तरह गैर राजनैतिक तौर पर करें, साथ ही इसमें फिजूलखर्ची न हो। पूर्व विधायक पं. शर्मा ने भी इस प्रस्ताव पर सहमति जताते हुए कहा कि सोशल मीडिया के जरिए इस तरह के नए प्रयोग से शहर को नई पहचान मिलेगी। इस अवसर पर एडमिन मनोज मालवीय, जीतू अग्रवाल, ग्रु्रप सदस्य यज्ञदत्त गौर, राकेश जाधव, शिवकिशोर रावत, पंकज राठौर, अधिवक्ता रमेश के साहू, जयकिशोर चौधरी, अनिल राठी, अमोल उपाध्याय, एडमिन मनोज मालवीय, गोपाल सिद्घवानी, कन्हैया गुरयानी, सोनू अग्र्रवाल, मंटू ओसवाल, मंटू शर्मा, आलोक शुक्ला, मनीष ठाकुर, आलोक गिरोटिया, जितेन्द्र ओझा, दीपक हरिनारायण अग्रवाल, संदेश पुरोहित, बाबू चौधरी, उमेश पटेल, पाली भाटिया, मयूर जायसवाल, अर्जुन भोला, प्रदीप अहिरवार, चंचल पटेल, गोलू मालवीय, राहुल पटेल समेत बड़ी संख्या में गु्रप के सदस्य मौजूद थे।
करोड़ों की कमाई वाला मालगोदाम : पश्चिम मध्य रेलवे के सबसे बड़ा मालगोदाम रेलवे को हर माह की करोड़ों की आय देने के बावजूद उपेक्षा का दंश झेल रहा है। रेलवे की अनदेखी और लापरवाही का खामियाजा यहां काम करने वाले व्यापारी, ट्रांसपोर्टर, हम्माल भोग रहे हैं। कई बार यहां की समस्याओं को लेकर ट्रांसपोर्टर्स ज्ञापन दे चुके हैं लेकिन वाणिज्य विभाग के अधिकारियों ने कभी इस पर गौर नहीं फरमाया।
क्या हैं दिक्कतें: जंक्शन पाइंट होने की वजह से पूरे देश भर में माल परिवहन एवं ब्रेक ट्रांसपोर्ट के लिए यहीं माल उतारा च?ाया जाता है। यहां से देश भर में सीमेंट, यूरिया, सोयाबीन, धान, गेहूं, डीओसी, खाद समेत अन्य निजी कंपनियों के उत्पाद की डिलेवरी होती है। हर दिन यहां औसतन एक रैक आता है। एक रैक से रेलवे को करीब 20 लाख रुपए की आय होती है। परिवहन उद्योग से जु?े करीब 150 ट्रांसपोर्टर और 300 हम्माल काम करते हैं। इतना दबाब होने के बावजूद यहां बेहतर तो दूर, मूलभूत सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। हम्माल रामरतन और इरफान ने बताया कि लगातार धूल में काम करने की वजह से अस्थमा की शिकायत हो गई है। पिछले दिनों ट्रांसपोर्टर्स ने इसी समस्या को लेकर स्टेशन प्रबंधक वायएस बघेल को ज्ञापन सौंपा था, लेकिन इसका कोई नतीजा सामने नहीं आया। मालगोदाम में शाम होने के बाद अंधेरे का साम्राज्य कायम हो जाता है। कई बार यहां से ट्रक, टायर, बैटरी, अनाज की बोरियां, यूरिया चोरी हो चुका है।
बारिश में दलदल के हालात : मालगोदाम आने वाली मुख्य सड़क भी बदहाल है। बारिश में पूरा इलाका दलदल में तब्दील हो जाता है। इससे लोडेड ट्रक या तो पलट जाते हैं, या गड्डों में धंस जाते हैं। मालगोदाम में गिरने वाला यूरिया और अनाज बारिश में सड़ांध मारता है। इससे पूरे इलाके में बदबू फैलती है।
ये हैं दिक्कतें
  • – मालगोदाम में बने शेड की शटर्स टूट गई हैं, इससे भंडारित माल की सुरक्षा में सेंध लगती है।
  • – हम्मालों, ट्रांसपोर्टर्स एवं आने वाले व्यापारियों के लिए विश्राम गृह नहीं है।
  • – पूरे परिसर में पक्का फर्श न होने से यहां धूल उड़ती है। इससे हम्मालों को अस्थमा की शिकायत हो रही है।
  • – मालगोदाम में हम्मालों के लिए पीने के लिए पानी तक नहीं है। एक टंकी के भरोसे सारे हम्माल हैं।
  • – रात में यहां अंधेरा छाया रहता है। दर्जनों बार यहां से ट्रक और पार्टस तक चोरी जा चुके हैं। रात में यहां रूकना खतरे से खाली नहीं है।
फैक्ट फाइल 
  • ट्रांसपोर्टर्स- 150
  • हम्माल- 300
  • प्रति रैक आय- 20 लाख
  • सालाना आय- 2 करोड़ रुपए
पत्र भेजा है : यह बात सही है कि मालगोदाम में कई तरह की समस्याएं हैं। इसे लेकर हमने वाणिज्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र भेजकर समस्याओं से अवगत कराया है। कुछ निर्माण एवं विकास के कार्य प्रस्तावित हैं। मंजूरी मिलते ही यहां सुविधाओं का विस्तार कराया जाएगा। शिवपूजन शर्मा, मालगोदाम पर्यवेक्षक।
रेलवे को करोड़ों रुपयों का मुनाफा देने वाले मालगोदाम की सुध अधिकारियों को नहीं है। दर्जनों बार हम ज्ञापन दे चुके हैं। हम्माल, व्यापारियों और ट्रांसपोर्टर्स के लिए किसी तरह की सुविधाएं नहीं हैं। अधिकारी समस्याओं की ओर ध्यान नहीं देते हैं। कई बार हमारे ट्रक और पार्टस चोरी हो चुके हैं। असामाजिक तत्व यहां सक्रिय रहते हैं। टप्पू मिश्रा, ट्रांसपोर्टर।

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