केंद्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन (कोर) मुख्यालय के ठीक सामने स्मिथ रोड पर स्थित रेलवे कालोनी में 10 दिसंबर की दोपहर दो मंजिला मकान की छत गिरने पर खलबली मच गई। घर में उस समय एक बुजुर्ग महिला और दो बच्चे थे। गनीमत रही कि जब छत गिरी उस वक्त कमरे में कोई भी नहीं था, नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। डीआरएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल दो सदस्यीय जांच कमेटी बना दी है।
रेलवे कालोनी में मकान नंबर 131/एबी में सुनीता सिंह पिछले पांच साल से रहती है। डीआरएम कार्यालय में पे-बिल विभाग में क्लर्क पद पर तैनात हैं। रविवार को किसी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पति राजेश कुमार सिंह के पास लखनऊ गई थीं। घर पर उनकी मां रमावती और बेटा हर्ष और रणवीर थे। घटना के बारे में रणवीर ने बताया कि रविवार दोपहर करीब एक बजे बेडरूम की छत से पपड़ी गिरी। उसको देखने के बाद वह दूसरे कमरे में चला गया। उसका बड़ा भाई हर्ष बाल कटाने के लिए बाहर गया था और नानी घर के बाहर बैठी हुई थीं। इसी बीत तेज धमाका हुआ। चारों तरफ धूल का गुबार था। यह देख वह चिल्लाते हुए बाहर भागा और उसने अपनी मां सुनीता को फोन पर घटना की जानकारी दी। घटना की जानकारी मिलते ही एडीआरएम अनिल कुमार द्विवेदी और आरपीएफ भी वहां पहुंच गई। जांच में पता चला कि ऊपर के फ्लैट की एक कमरे की छत गिरने के बाद सुनीता के मकान की छत गिरी। डीआरएम संजय कुमार पंकज का कहना है कि सुनीता का मकान खाली कराकर उन्हें ट्रैफिक कालोनी में शिफ्ट कर दिया गया है। अन्य मकान खाली कराए जा रहे हैं। इस संबंध में चार लोगों को घर खाली करने के लिए नोटिस जारी कर दिया गया है। अब चारों मकानों को गिराया जाएगा।