हक़ की लड़ाई : सीआरसीएलएस के जोनल अध्यक्ष आर एन चांदुरकर ने ली सभा
कहा ओल्ड स्कीम से जोडि़ए
जनवरी 2004 के बाद रेलवे में भर्ती हुए कर्मचारियों ने न्यू पेंशन स्कीम का जोरदार विरोध शुरू कर दिया है। कर्मचारियों ने पहले तो रेलमंत्री सहित प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पोस्ट कार्ड अभियान चलाया, लेकिन सफलता नहीं मिलने पर अब सांसद ज्योति धुर्वे से भी मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। सांसद ने मामले में सदन में चर्चा का भरोसा दिया है। इधर रेलकर्मियों ने इस मामले में गेट मीटिंग लेकर अभियान में तेजी ला दी है। कर्मचारियों की इस मुहिम को अब न्यू पेंशन स्कीम एंप्लाइज यूनियन ने गंभीरता से लेकर राष्ट्रव्यापी मुद्दा बना दिया है। जल्द ही इस मांग को लेकर अब राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रदर्शन की तैयारी कर्मचारियों ने शुरू कर दी है।
ये है विरोध की वजह
जनवरी 2004 से पहले के रेल कर्मियों को रेलवे ने ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ दिया है। इसमें रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी को वेतन का 50 फीसदी और महंगाई भत्ता आदि सुविधाएं मिलती हैं। समय-समय पर यह पेंशन बढ़ती भी है। जबकि जनवरी 2004 के बाद जिन कर्मचारियों की रेलवे ने भर्ती आरआरसी, आरआरबी, डिविजनल रेल मैनेजर से तथा लार्जेस स्कीम और अनुकंपा में नियुक्तियां दी हैं। ऐसे कर्मचारियों को न्यू पेंशन स्कीम से जोड़ दिया है। न्यू पेंशन स्कीम में कर्मचारी के वेतन से 10 प्रतिशत राशि की कटौती की जाती है और 10 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार देती है। यह कटौती शेयर बाजार में इन्वेस्ट की जाती है। शेयर बाजार यदि ठीक रहा तो कर्मचारी को पेंशन बेहतर मिलेगी, लेकिन यदि शेयर बाजार घाटे में है, तो इसका सीधा प्रभाव कर्मचारी की पेंशन पर पड़ेगा। यानी साफ तौर पर पेंशन घटकर मिलेगी।
ये भी है नुकसान
2004 के बाद रेलवे में भर्ती हुए बुकिंग क्लर्क नितिन सोनेला, गुड्स गार्ड राजू मोहबे, अरविंद मगरदे सहित अन्य का कहना है योजना में कर्मचारियों को पीएफ का भी फायदा नहीं मिल रहा है। इसके कारण यदि कर्मचारी को मकान बनाना है या फिर परिवार में कोई विवाह आदि समारोह हो, तब भी एकत्रित फंड नहीं मिल पाता है। जबकि पुरानी स्कीम में कर्मचारियों का पीएफ भी कटता था। ब्याज दर भी स्थाई थी। इससे कर्मचारी बेफिक्र रहता था।
शुरू है गेट मीटिंग का दौर
27 नवंबर की शाम सीआरएमएस के जोनल अध्यक्ष आरएस चांदुरकर, मंडल सचिव बंडू रणधई, आमला शाखा सचिव आरके वर्मा, मोहम्मद मुजाहिद खान, जीआर तायवाड़े, एसके मरवाह आदि की उपस्थिति में सीआरएमएस कार्यालय में कर्मचारियों की बैठक हुई। बैठक में इस विषय पर चांदुरकर ने युवा पीढ़ी के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा सीआरएमएस पूरी तरह से कर्मचारियों के साथ है। प्रत्येक प्रदर्शन में कर्मचारी हक की लड़ाई में सीआरएमएस भी साथ रहेगी।