महापरिनिर्वाण दिवस – परम पूज्य डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर को शत-शत नमन!

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“कदम ऐसा चलो कि निशान बन जाए। काम ऐसा करो कि पहचान बन जाए। यहां जिंदगी तो सभी जी लेते हैं। मगर जिंदगी जियो तो ऐसी कि सबके लिए एक मिसाल बन जाए।”
उपरोक्त पक्तियां भारत रत्न डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर जी पर पूर्ण रूप से चरितार्थ होती हैं। वह एक ऐसे महामानव थे जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन मानव सेवा को समर्पित कर दिया। डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर की मृत्यु 6 दिसंबर 1956 को हुई थी। यही कारण है डॉ. आंबेडकर महापरिनिर्वाण दिन या पुण्यतिथि हर साल 6 दिसंबर को उन्हें श्रद्धांजलि और सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। उन्हें भारतीय संविधान का जनक कहा जाता है। इस रोज उनके लाखों करोड़ों अनुयायी उनकी सुंदर ढंग से सजाई गई प्रतिमा पर फूल माला, दीपक और मोमबत्ती जलाकर और उनके द्वारा रचित साहित्य की भेंट करके उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। इस दिन विशाल जन समूह उन्हें सम्मान देने और याद करने के लिए सुबह संसद भवन परिसर में जाता है और एक सबसे प्रसिद्ध नारे च्च्बाबा साहेब अमर रहेज्ज् से आकाश गूंज उठता है।
वास्तव में देखा जाए तो आज भी डॉ. अंबेडकर अपने विचारों, लोकहित के कार्यों, सामाजिक उत्थान एवं एक क्रांती की लहर के रूप में आज भी हमारे बीच विद्यमान हैं। “शिक्षित हो, संगठित हो, संघर्ष करो” यह डॉ. अंबेडकर जी द्वारा दिया हुआ एक ऐसा नारा है जो चिरकाल तक हमें प्रेरणा देता रहेगा। वह किसी वर्ग विशेष के नहीं अपितु संपूर्ण मानव जाति के लोकप्रिय नायक थे। कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी उन्होंने अपना धैर्य नहीं छोड़ा, विचलित नहीं हुए और एक वीर योद्धा के रूप में उन्होंने हर विपत्ति का डटकर सामना किया और हम सबके प्रेरणास्त्रोत बने। देश भर से उनके अनुयायी बड़ी संख्या में भारतीय संविधान के महान शिल्पकार, डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए दादर स्थित चैत्य-भूमि (डॉ. अंबेडकर के स्मारक) पर जमा होते हैं। सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ जैसे उनके चिरसमर्थक संगठन यहां पहुंचने वाले अनुयायियों को हर तरह की मदद करने का कार्य पूरे मनोयोग से करते हैं।
सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ हो या वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ, तिरंगे झंडे को अपनाने वाले एनएफआईआर से संलग्न सभी संगठन डॉ. अंबेडकर के दिखाए हुए मार्ग पर चलकर हर शोषित मजदूर के हितों की रक्षा करने में अग्रणी भूमिका निभाते हैं। आईए हम सब मिलकर इस महापरिनिर्वाण दिन पर सभी सामाजिक कुरीतियों एवं शोषण को जड़ से उखाड़ फेंकने की शपथ लें।
शत -शत नमन! शत -शत नमन! शत -शत नमन!

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