भारतीय रेलवे की मौजूदा फाइनैंशल ईयर में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के आधार पर 60 फ्रेट टर्मिनल बनाने की योजना है। पिछले फाइनैंशल ईयर में रेलवे के लिए फ्रेट लोडिंग बढ़ी थी और इसी वजह से अब वह अपनी क्षमता बढ़ाना चाहती है। अधिकारियों ने बताया कि 5,000 करोड़ रुपये की इस योजना से रेलवे की कुल कैपेसिटी में लगभग 5.5 करोड़ टन की बढ़ोतरी होगी। नए फ्रेट टर्मिनल में से अधिकतर पावर प्लांट, सीमेंट फैक्ट्री, प्राइवेट पोर्ट और कोल साइडिंग के पास बनाए जाएंगे। रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, हमें फ्रेट टर्मिनल बनाने का इरादा रखने वाली बहुत सी कंपनियों से निवेदन मिले हैं। हम उनके प्रपोजल की स्टडी कर रहे हैं और इसके बाद अनुमति दी जाएगी। 2016-17 में रेलवे ने अपने नेटवर्क में 40 फ्रेट टर्मिनल जोड़े थे। रिलायंस सीमेंट कंपनी, हिंदुस्तान पेट्रोलियम, GMR एनर्जी, अल्ट्राटेक सीमेंट, अडानी एग्री लॉजिस्टिक्स, IOCL और NTPC ने पिछले वर्ष अपने प्लांट्स के नजदीक फ्रेट टर्मिनल बनाने के लिए लगभग 2,000 करोड़ रुपये का इनवेस्टमेंट किया था। रेलवे ने इस फाइनैशल ईयर में 120 करोड़ टन फ्रेट की लोडिंग का टारगेट रखा है। पिछले वर्ष रेलवे ने लगभग 110 करोड़ टन फ्रेट की लोडिंग की थी। अधिकारी ने बताया रेलवे जल्द ही अपनी गुड्स शेड मॉडर्नाइजेशन पॉलिसी पेश करेगा। इसे तहत लॉजिस्टिक्स कंपनियों और ई-कॉमर्स कंपनियों को स्टेशंस पर अपने वेयरहाउस रखने की अनुमति दी जाएगी।

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