गोरखपुर, 15 साल से लगातार शराब के आदी हो चुके आईआरटीएस ने जब इसे छोडऩे की ठानी तो खुद तो इससे दूर हुए ही दूसरों को भी इससे दूर करने का बीड़ा उठा लिया। श्री श्री रविशंकर के शिष्य के रूप में मेडिटेशन का प्रशिक्षण लिया और दूसरों के जीवन में उजाला फैलाने लगे। मकसद सिर्फ और सिर्फ लोगों को इस व्यसन से दूर रखना।
हम बात कर रहे हैं पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य परिचालन प्रबंधक और मुख्य वाणिज्य प्रबंधक रवि वल्लूरी की। खुद इतने महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए भी सुबह पांच बजे उठकर शराब के नशे में फंस चुके लोगों के जीवन से नशा दूर करने के लिए लोगों के साथ मेडिटेशन करते हैं। सुदर्शन क्रिया से नशा छुड़ाने की बारीकी भी सबको बताते हैं।
हैरान करने वाली बात तो यह है कि इतनी व्यवस्तता के बाद भी श्री वल्लूरी ने नशा छुड़ाने को लेकर एक किताब भी लिखी है। ‘द मैटर ऑफ द माइंट’ नाम से मुम्बई से इंग्लिश में प्रकाशित पुस्तक काफी चर्चा में रही। श्री वल्लूरी की चर्चित पुस्तक जल्द ही तेलगू और हिन्दी में भी आने वाली है।
‘हिन्दुस्तान’ से विशेष बातचीत में श्री वल्लूरी ने बताया कि 1992 से 2006 तक वह काफी अधिक मात्रा में अल्कोहल लेते थे। दोस्तों के साथ हुई अनहोनी और पत्नी के सही मार्गदर्शन से उनका मन मेडिटेशन की ओर आ गया। श्री श्री रविशंकर से मिलकर उन्होंने इसकी शिक्षा ली और सुदर्शन क्रिया करते हुए खुद पर नियंत्रण कर लिया और 2006 से नशे को पूरी तरह से त्याग दिया। तब से लेकर आज तक कभी नशा नहीं किया। श्री वल्लूरी ने बताया कि उन्होंने उसी दिन से ठान लिया था कि अब इसे जन अभियान बनाना है। तब से प्रयास है कि अधिक से अधिक लोगों का मेडिटेशन के जरिए नशा छुड़ाने का अभियान चला रहे हैं।
श्री वल्लूरी जल्द ही एनई रेलवे के गार्ड और चालकों के लिए मेडिटेशन कोर्स शुरू करने वाले हैं। उनका कहना हैं कि यह दोनों बहुत ही जटिलताओं में कार्य करते हैं। उनका कहना है कि इस कोर्स से इन्हें काफी राहत मिलेगी। कानपुर में जन्मे रवि वल्लूरी का मूल आन्द्र प्रदेश है। शिक्षा दिल्ली से हुई और शिक्षा के दौरान ही यूपीएसई जरिए आईपीएस क्वालीफाई कर लिया। किन्ही कारणों से आईआरटीएस में ज्वाइन किया। एनसीआर, डब्ल्यूसीआर, समेत महत्वपूर्ण रेलवे जोन में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं। वर्तमान में पूवोत्र्तर रेलवे में बतौर सीओएम और सीसीएम के पद पर तैनात हैं। सुदर्शन क्रिया एक सहज लयबद्ध शक्तिशाली तकनीक है जो विशिष्ट प्राकृतिक श्वांस की लयों के प्रयोग से शरीर, मन और भावनाओं को एक ताल में लाती है। यह तकनीक तनाव, थकान और क्रोध, निराशा,अवसाद जैसे नकारात्मक भावों से मुक्त कर शांत व एकाग्र मन, ऊर्जित शरीरके साथ एक गहरा विश्राम प्रदान करती है।
सुदर्शन क्रिया जीवन को एक विशिष्ट गहराई प्रदान करती है, इसके रहस्यों को उजागर करती है। यह एक अध्यात्मिक खोज है, जो हमें अनंत की एक झलक देती है। सुदर्शन क्रिया स्वास्थ्य, प्रसन्नता, शांति और जीवन से परे के ज्ञान का अज्ञात रहस्य है। कल्पना करें कि क्रोध, झुंझलाहट, ईष्या और भय केवल गहरी श्वास से प्रसन्नता, मुस्कराहट और सुखपूर्ण जीवन में बदल जाए। मित्रता ,सम्बन्ध ,व्यवसाय ,परिवार,वैवाहिक जीवन में प्रसन्नता वास्तव में इसकी एक झलक है। अभी श्वांस लें और सुदर्शन क्रिया करें, दर्पण आपको केवल मुस्कराता दिखाएगा।