जबलपुर, पश्चिम मध्य रेल के एक श्रमिक संगठन के पदाधिकारी की कॉलर बोन टूटने के बाद उन्हें रेलवे चिकित्सालय से अनफिट किए जाने के मामले में सवाल खड़े करने वाली एक रेल यूनियन अब खुद सवालों के घेरे में आ गई है। खबर है कि इस यूनियन ने रेलवे चिकित्सालय प्रबंधन पर दबाव बनाकर यूनियन से जुड़े 3 डिप्टी एसएस और 1 एसएस को अनफिट घोषित कराकर उन्हें डिकेटेग्राइज्ड भी करा लिया है। इससे यूनियन की कार्यप्रणाली रेलवे में चर्चा का विषय बनी हुर्ई है। पिछले दिनों जबलपुर डिवीजन की एक यूनियन ने दूसरे प्रमुख श्रमिक संगठन के पदाधिकारी को अनफिट घोषित किए जाने पर चिकित्सालय प्रबंधन पर दबाव बनाकर ऐसा कराए जाने को लेकर संगठन के खिलाफ प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। उक्त पदाधिकारी की कॉलर बोन टूट गई थी और शहर के एक निजी हॉस्पिटल में गंभीरावस्था में एडमिट भी कराए गए थे। इधर, अब रेलवे में चल रही चर्चाओं के अनुसार यूनियन ने खुद दबाव की नीति अपनाते हुए यूनियन से जुड़े अपने 4 पदाधिकारियों को अनफिट घोषित कराने के साथ ही उन्हें डिकेटेग्राइज्ड भी करा लिया है। जिन्हें अनफिट घोषित कराया गया है, उनमें जबलपुर डिवीजन के डिप्टी एसएस अजय , डिप्टी एसएस समीर, डिप्टी एसएस विल्सन और एसएस यादव शामिल बताए जा रहे हैं। उक्त चारों यूनियन के लिए कार्य करते हैं और यूनियन के पदाधिकारी बताए जा रहे हैं। रेल सूत्रों के अनुसार इन चारों को अनफिट घोषित किए जाने का मामला सामने आते ही डीआरएम कार्यालय के गलियारों में जमकर चर्चाओं का दौर चल रहा है। हालांकि जानकारी मिली है कि अनफिट किए गए डिप्टी एसएस समीर की बायपास सर्जरी हुई है और उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए अनफिट किया गया है। इसे आगामी माहों में होने वाले रेलवे के मान्यता चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है, जिसके चलते यूनियनों व संगठनों ने एक-दूसरे पर हमला तेज कर दिया है।