रेलमंत्री ने दिखाई हरी झंडी
बिलासपुर-भगत की कोठी द्वि-साप्ताहिक एक्सप्रेस 1 फरवरी की शाम 6.20 बजे नियमित बनकर प्लेटफार्म 8 से रवाना हुई। दिल्ली से रेलमंत्री सुरेश प्रभु और जोनल स्टेशन से सांसद लखन साहू, विधायक सियाराम कौशिक, महापौर किशोर राय और जीएम सत्येंद्र कुमार ने एक साथ हरी झंडी दिखाई। इसके पहले ट्रेन को चकाचक कर दिया गया था। कोच में नई जालियां, शौचालयों में खिड़कियां और नए डस्टबिन नजर आ रहे थे।
नईदुनिया ने उद्घाटन के पहले इस ट्रेन की खस्ताहाल स्थिति को लेकर खबर प्रकाशित किया था। इससे रेलवे में हड़कंप मच गया। जीएम सत्येंद्र कुमार ने रेल अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई और निर्देश दिए कि इस ट्रेन के जितने हिस्से में टूट-फूट है उसकी मरम्मत की जाए। इसके बाद जितने कोच के ब्रेक व लंच टेबल व जालियां टूटा हुआ था उसकी जगह पर नए टेबल व जालियां लगाए गए।
इतना ही नहीं जिस कोच के शौचाालय की आधी खिड़कियां टूटी हुइ थीं उसमें नई लगाई गई। अधिकारी सुबह से लेकर शाम तक इस ट्रेन की अव्यवस्था को सुधारने में जुटे रहे। आखिरकार जब ट्रेन प्लेटफार्म में उद्घाटन के लिए पहुंची तो पूरी तरह चकाचक थी। प्लेटफार्म में आने से पहले इस ट्रेन के प्रत्येक कोच की अच्छी तरह जांच की गई। अफसरों के संतुष्ट होने के बाद ट्रेन प्लेटफार्म 8 में खड़ी हुई।
इसके बाद रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने रेलभवन नई दिल्ली से दूरवर्ती हरी झंडी दिखाई। इस मौके पर वहां रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एके मित्तल, रेलवे बोर्ड यातायात सदस्य मोहम्मद जमेशी भी उपस्थित थे। वहीं जोनल स्टेशन से सांसद लखनलाल साहू, बिल्हा विधायक सियाराम कौशिक, महापौर किशोर राय, जीएम सत्येन्द्र कुमार और डीआरएम रविंद्र गोयल ने हरी झंडी दिखाकर 18243/18244 बिलासपुर-भगत की कोठी व 18245/18246 बिलासपुर-बीकानेर का शुभारंभ किया।
पहली एलएचबी कोच की ट्रेन
इन दोनों ट्रेन के कोच एलएचबी हैं। एलएचबी कोच का नाम इसका सर्वप्रथम निर्माण किए गए जर्मनी की कंपनी लिंक हॉफमैन बुधा पर पड़ा है। एलएचबी कोच को भारतीय रेलवे में सर्वप्रथम 1999 में शामिल किया गया था। वर्तमान में इसका निर्माण कपूरथला रेलवे कोच फैक्ट्री में किया जा रहा है। यात्रियों के लिए काफी आरामदायक होने के साथ-साथ दुर्घटना की स्थिति में ये कोच कम क्षतिग्रस्त होते हैं। यह बायो टॉयलेट की सुविधा से लैस है जो पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।