रेलवे ड्राइवरों के लिए अच्छी खबर है। अब उन्हें भीषण गर्मी में रेल संचालन के दौरान इंजनों में गर्मी की मार नहीं झेलनी पडेगी। रेलवे द्वारा भारतीय रेलवे में अमेरिकन लोको की पद्वति के आधार पर नए इंजनों का निर्माण किया है। जिसमें ड्राइवरों के लिए एसी व बाथरुम की सुविधा भी मिलेगी। इस प्रकार के अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त इंजन अब जयपुर डिवीजन में भी दौडऩे लग गए है।
भारतीय रेल में वर्षों पहले तक स्टीम इंजनों का संचालन रहा। जिसमें कोयले डालने से स्टीम बनती थी ओर इससे ट्रेनों का संचालन होता था। उस समय भीषण गर्मी में कोयलों की आग से ड्राइवरों के हाल बेहाल हो जाते थे।
इसके बाद भारतीय रेल में डीजल और फिर विद्युत इंजन आए जो अब तक संचालित हो रहे है। इनमें भी गर्मी के मौसम में हाल बेहाल रहते है। इंजन के अंदर गर्मी इस कदर रहती है कि यहां ड्राइवरों का बैठना भी मुश्किल हो जाता है। लेकिन अब ड्राइवरों को इस परेशानी को दूर करने के लिए रेलवे द्वारा अमेरिकन पद्वति के आधार पर भारत में डीजल लोको शैड रोजा के नाम से इन इंजनों का निर्माण किया है। इन इंजनों में ड्राइवरों के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं भी दी गई है।
गर्मी में एसी व सर्दी में हीटर की सुविधा
अमेरिकन पद्वति से निर्मित नए इंजनों में ड्राइवर केबिन में एसी व हीटर की सुविधा दी गई है। गर्मी के मौसम में इंजन के अंदर तापमान अधिक नहीं रहे और ड्राइवर आराम से ट्रेनों का संचालन करे इसके लिए एसी संचालित होगा। सर्दी के मौसम में केबिन के अंदर हीटर संचालित होगा। जिससे तापमान अधिक ठंडा नहीं रहे।
चालक की परेशानी होगी दूर
अभी तक संचालित हो रहे डीजल इंजनों में ड्राइवरों के लिए न एसी है ना ही हीटर की सुविधा। यही नहीं बाथरुम की सुविधा नहीं होने से कई बार ट्रेन संचालन के लिए ड्राइवरों को इस सुविधा के लिए परेशान होना पड़ता था। लेकिन अब नए इंजनों में बाथरुम की सुविधा भी दी गई है। इससे ड्राइवरों को परेशानी नहीं होगी।
हीटर के कारण कोहरे में नहीं छाएगी ओस
सर्दी के मौसम में कई बार ट्रेन संचालन के दौरान इंजन के कांच पर ओस की बूंद छा जाती है। इससे ड्राइवरों को आगे का रुट देखने में परेशानी आती रहती है। लेकिन अब नए इंजन में हीटर की सुविधा होने से इससे केबिन में गरमाहट रहेगी। जिससे काच पर ओस की बूंदे भी नहीं छाएगी।